सीजन का पहला बड़ा मामला
बताया जा रहा है कि जयपुर हवाई अड्डे पर शुक्रवार को सीजन का यह पहला घना कोहरा रहा, जिसके चलते नोटम लगाया गया। बोर्डिंग के कई घंटे बाद भी उड़ान रवाना नहीं हो सकी। करीब 7 उडा़न जयपुर हवाई अड्डे एयर ट्रेफिक क्लीयरेंस का इंतजार करती रहीं। उधर, अन्य हवाई अड्डों पर भी बोर्डिंग के बाद जयपुर में मौमस की खराब स्थिति के चलते क्लीयरेंस की इजाजत का इंतजार होता रहा। बतादें कि कोरोना के कारण पहले ही जयपुर हवाई अड्डे से उड़ानें लगातार रद्द हो रही हैं और यात्रियो को भारी परेशानी उठानी पड़ रही हैं।
क्या होता है नोटम
हवा में ट्रेेफिक क्लीयर करने के लिए नोटम का इस्तेमाल किया जाता है। आसमान साफ रहने पर ही क्लीयरेंस मिलती है। जब कभी दृश्यता कम रहती है तो उडा़न भरने की इजाजत नहीं होने की स्थिति में एटीसी विंग नोटम लगा देती है। नोटम हटने के बाद ही उडा़न का संचालन किया जा सकता है।
इतनी दृश्यता जरूरी
हवाई अड्डे पर रवने से उड़ान भरने के दौरान आमतौर पर 550 मीटर के आसपास की दृश्यता चाहिए। लेकिन जयपुर हवाई अड्डे पर शुक्रवार सवेरे दृश्यता 300 मीटर के आसपास ही रही, जिसके चलते उड़ान के संचालन की अनुमति नहीं मिल सकी और उड़ान तीन घंटे तक इंतजार करती रहीं।