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राजस्थान में भारी बारिश : किसानों के लिए बनी मुसीबत, दलहन व तिलहन पर आफत

locationजयपुरPublished: Aug 18, 2019 05:49:50 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

Heavy Rain in Rajasthan : लगातार कई दिन से बरसात जारी, अब स्थिति अतिवृष्टि की बन पड़ी, जो कि किसानों के ( Rajasthan farmers ) लिए चिंता का विषय बन सकती है ( Heavy Rain Destroys Crops )
 

Rajasthan farmers

राजस्थान में भारी बारिश : किसानों के लिए बनी मुसीबत, दलहन व तिलहन पर आफत

ओमप्रकाश शर्मा / जयपुर. राजस्थान में इस बार इंद्र देव की विशेष कृपा रही है। लगातार कई दिन से बरसात ( Heavy rain in Rajasthan ) जारी है। अब स्थिति अतिवृष्टि की बन पड़ी है, जो कि किसानों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। अभी कृषि विभाग ने नुकसान का आंकलन नहीं किया है, लेकिन यह आशंका जताई जा रही है कि यह बरसात इसी तरह जारी रही तो दलहन ( Pulses Cultivation ) व तिलहन ( Oilseeds cultivation ) की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।
संयुक्त निदेशक (आदान) रामगोपाल शर्मा का कहना है कि अतिवृष्टि से दलहन व तिलहन की खेती की आशंका है। बरसात ( Monsoon 2019 Rajasthan ) कम समय में अधिक मात्रा में हुई है। नुकसान को ( Heavy Rain Destroys Crops ) लेकर जायजा लिया जा रहा है।
1 करोड़ 43 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फसल बुआई

इधर प्रदेश में खरीफ के इस सीजन में 1 करोड़ 43 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में फसल बुआई की गई है। इसमें 53 लाख 60 हजार हैक्टेयर में अनाज तथा 34 लाख 50 हजार हैक्टेयर में दलहन की बुआई की गई है। इसी तरह 19 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तिलहन की बुआई गई है। इसमें 10 हजार हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में तो सोयाबीन की ही बुआई की गई है।
यहां बरसात का असर ( Rain Affected Area )

बरसात का सबसे अधिक असर कोटा, झालावाड़ा, बूंदी, भीलवाड़ा, अजमेर, पाली चित्तौड़ व आस-पास के क्षेत्र में है। इन क्षेत्रों में दलहन व तिलहन की खेती सबसे अधिक है। खास तौर पर उड़द, मूंग और सोयाबीन की खेती सबसे अधिक है। खेतों में लगातार पानी भरा होने से इन फसलों में नुकसान की आशंका है। कृषि विभाग ने क्षेत्रीय अधिकारियों को सतर्क किया है। अब नुकसान का आंकलन किया जाएगा।
प्रदेश में 17 लाख 71 हजार हैक्टेयर में मूंग, 11 लाख 46 हजार हैक्टेयर में मोठ तथा 4 लाख 56 हजार हैक्टेयर में उड़द की फसल बुआई की गई है। अभी तक की स्थिति से अनाज की खेती में नुकसान की आशंका नहीं है। खरीफ में मक्का, ज्वार व बाजरे की बुआई की गई है।
ज्वार 5 लाख 62 हजार, बाजरा 37 लाख 35 हजार तथा मक्का 8 लाख 80 हजार हैक्टेयर में बुआई कई गई है। जिन क्षेत्रों में यह फसल की जा रही है, वहां जल भराव ( ) की स्थिति नहीं बनी है
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