मौसम विभाग के अनुसार ( Rajasthan Weather Forecast ) अब प्रदेश में मानसून विदाई की कगार पर है। इधर, एक घंटे हुई तेज बारिश से कई जगह पानी भर गया। टोंक फाटक, रामबाग, नारायण सर्कल, अजमेरी गेट, सोडाला, 22 गोदाम, सी स्कीम, अजमेर रोड, मोतीडूंगरी रोड आदि इलाकों में पानी भर गया। कई इलाकों में जाम भी लगा रहा। हाड़ौती में अब खण्डबारिश का दौर चल रहा है। शुक्रवार को शहर में सीएडी चौराहे व अन्य जगहों झमाझम बारिश हुई। पुराने कोटा में बादल छाए रहे। जिले के आवां में तेज बारिश होने से रपट पर सात फीट पानी भरने से कई गांवों का सम्पर्क घंटों कटा रहा। अरण्डखेड़ा, रावतभाटा, रामगंजमंडी सहित अन्य कस्बों में तेज गर्जना के साथ बारिश हुई।
आमेर में दो इंच झमाझम, आधा घंटे 40 किमी रफ्तार से हवा के साथ आई जोरदार बारिश
राजधानी में 20 दिन बाद शुक्रवार को मेघ मेहरबान हुए। शहर के अलग-अलग इलाकों में जमकर बारिश हुई। करीब एक घंटे तक जोरदार बारिश का दौर चला। दोपहर 12 बजे बारिश शुरू हुई।
इसके बाद 12.45 पर हवा की रफ्तार दोगुनी हो गई और बारिश भी बढ़ गई। इसके बाद करीब 15-20 मिनट तक तेज बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञों का दावा है कि सीवी क्लाउड फटने के कारण नम हवाएं तेज रफ्तार से नीचे आईं और 40 किमी/घंटा हवा की रफ्तार के साथ बारिश हुई।
बीसलपुर बांध में पानी की आवक जारी, अब एक गेट से छोड़ा जा रहा पानी
मानसून की मेहरबानी के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में झमाझम का दौर बना हुआ है। बीसलपुर बांध में भी पानी की आवक लगातार जारी है। हालांकि आवक पहले से कम होने की वजह से शनिवार सुबह 6:30 बजे बांध का एक गेट बंद कर दिया गया और एक गेट को एक मीटर तक खोलकर बनास नदी में 6 हजार 10 क्यूसेक पानी की निकासी प्रति सेकंड की जा रही है। त्रिवेणी नदी का गेज 20 सेमी घटकर 2.20 मीटर चल रहा है। वहीं बांध की बाईं मुख्य नहर से 95 क्यूसेक पानी की निकासी लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दौरान बारिश शून्य दर्ज की गई। वहीं सीजन की अब तक कुल 665 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है।
कोटा में बस्तियों को अलर्ट जारी
मध्यप्रदेश में हो रही बारिश के चलते गांधीसागर बांध के तीन सलूज गेट शुक्रवार को फिर खोले गए। इसके चलते राणाप्रताप सागर के दो क्रेश व जवाहर सागर बांध के भी गेट खोलने पड़े। चम्बल के तीनों बांधों के गेट खुलने से कोटा बैराज के सात गेट खोलकर 50 हजार से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बैराज के गेट खुलने पर प्रशासन ने निचली बस्तियों को अलर्ट जारी किया है।
ऐसे फटते हैं सीवी क्लाउड
मौसम विभाग के विशेषज्ञ शिव गणेश का कहना है कि जयपुर-अजमेर क्षेत्र में सीवी क्लाउड बने हैं। ये मानसूनी गतिविधियां होती हैं। छोटी-छोटी अतिसूक्ष्म बूंदों का समूह मिलकर बादल बनाता है।
जमीन से नम हवाएं ऊपर जाती है। नीचे से ऊपर जाते समय ये हवा गर्म रहती हैं। ऊपर जाकर ये बादल का रूप लेती हैं। यहां हवाएं ठंडी हो जाती हैं। इनका आकार बढ़ता जाता है और बादल के रूप में फट जाती हैं। इस दौरान तेज बारिश के साथ हवा नीचे की ओर आती है।