इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती भी लिखी। जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रदेश की राजधानी के सबसे वीआई इलाके का यह हाल ! बाईस गोदाम से सिविल लाइन फ़ाटक होते हुए रेलवे स्टेशन तक वाली सड़क पर पानी भरने से घंटों तक वाहन फंसे रहे। लोगों में खौफ का माहौल बना रहा। सड़क पर जगह-जगह गड्ढों के बीच जान जोखिम में डालकर पैदल चलकर अपनी राह तय कर रहे थे। इस दौरान कई लोग गड्ढों में गिरते-उठते रहे। इन सड़कों पर प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं दिखा। लोग एक-दूसरे की मदद करते रहे।
मैं स्वयं 2 किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचा। इस दौरान देखा कि शहर की जनता का सड़कों पर कोई रखवाला नहीं है! न ही लोगों को राहत देने के लिए सरकार के पास कोई योजना है। हादसे होने के बाद सरकार जागती है और फिर गहरी नींद में सो जाती है।
दुनिया का सबसे व्यवस्थित कहलाने वाले जयपुर शहर को हमने अपने स्वार्थ के लिए ऐसा बना दिया कि थोड़ी सी बरसात होते ही सड़कें नदियों में तब्दील हो जाती है। राज्य सरकार से मेरा आग्रह है कि शहरों का विकास पूरी प्लानिंग के साथ करें। पानी निकासी की समुचित व्यवस्था हो और नालों की समय पर सफाई हो।