-बीएसएफ को किया सतर्क नहर टूटने की आशंका के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को किसी भी स्थिति से निपटने एवं प्रशासन की मदद के लिए सतर्क कर दिया गया है। प्रशासन ने इंदिरा गांधी नहर में पानी बंद करवा दिया, लेकिन अब भी बरसात जारी रहने से खतरा टला नही हैं। जिला प्रशासन की ओर से खाली कराए गए ग्रामीणों को खाने के पैकेट बांटे गए एवं राहत सामग्री वितरित की गई। रामगढ़ क्षेत्र में हालात बिगडऩे की संभावना के मद्देनजर जिला प्रशासन एवं इंदिरा गांधी नहर के आला अधिकारियों ने मौके पर डेरा डाल दिया हैं।
-बचाव कार्य जारी अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओ.पी. विश्नोई, उपखंड अधिकारी दिनेश विश्नोई, इंदिरा गांधी नहर के एडिशनल चीफ इंजीनीयर हरेतलाल मीणा, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रंजन जैन अन्य प्रशासनिक एवं राजस्व अधिकारी, कर्मचारी राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं।
-बरसाती नदियां-नाले उफान पर…संपर्क टूटा कई स्थानों पर दर्जनों कच्चे मकानों के टूटने की जानकारी मिली हैं। रामगढ़ में सुबह करीब एक घंटे हुई तेज बारिश के कारण बरसाती नदियां एवं नाले उफान पर रहे। आनंदपुरा के बीच में से निकल रही बरसाती भी पूरे वेग के साथ उफान पर थी, जिसके कारण दूसरे दिन भी सौ से अधिक घरों का संपर्क कस्बे से पूरी तरह से कटा रहा। यहां से आवागमन का एकमात्र मार्ग होने के कारण लोग खासे परेशान हो रहे हैं।
-नाडियां एवं खड़ीन लबालब रामगढ़ सहित समूचे क्षेत्र में हुई बारिश से नाडियां एवं खड़ीन लबालब हो गए है। वहीं कई खड़ीनों पर चादर चल रही हैं। रामगढ़ क्षेत्र में गांव रायमला एवं साधना के निकट नहर के पास जल भराव होने से ग्रामीणों में भय व्याप्त है। नहर टूटने की आशंका के बीच बड़ी संख्या में ग्रामीण नहर के पुल के पास पहुंचे। संभावित खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। जिस पर हालातों को जायजा लेने जैसलमेर उपखंड अधिकारी रायमला के लिए रवाना हुए।
-इंदिरा गांधी नहर के पटरे तक पहुंचा पानी वर्षा ज्यादा होने से इंदिरा गांधी नहर के पटरे तक पानी पहुंच गया था। सागरमल गोपा की आर.डी 180 से 183 के बीच कई स्थानों पर पानी नहर के बराबर पहुंच गया, लेकिन वहां से पानी निकालकर कट्टे आदि लगाकर पानी रोका, अब पानी वहां कम होने लगा है।
-स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में : जिला प्रशासन उधर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओ.पी. विश्नोई ने बताया कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। रायमला एवं साधना गांव को खाली करवा कर ग्रामीणों को ऊंचाई वाले स्थानों पर भिजवाया गया। उनके लिए खाने के पैकेट की व्यवस्था की गई है और इंदिरा गांधी नहर के आस-पास भरे पानी को देखते हुए अधिकारियों को सूचित किया गया। कई स्थानों पर मार्ग बरसात में बह गए हैं, कुछ स्थानों पर कच्चे झोपड़े ढहने की भी जानकारी मिली हैं। रामगढ़ क्षेत्र में पारेवर खड़ीन टूटने से पानी की आवक ग्रामीण इलाकों में ज्यादा हुई थी, लेकिन पानी निकालने के बाद अब वहां पर पानी उतरने लगा है।