राजस्थान के अलावा मौसम विभान ने पश्चिम उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, गुजरात क्षेत्र, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोवा में कई जगहों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। आईएमडी के मुताबिक, 2 सितंबर तक कई राज्यों में भारी बारिश होने की संभावना है।
जयपुर में जोरदार बारिश
आधे से ज्यादा सावन सूखा निकलने के बाद भादो में बुधवार को पहली जोरदार बारिश हुई। शहर में दिनभर रुक-रुक कर बारिश का दौर चला। इससे दिनभर मौसम सुहाना रहा, मगर शहर में यातायात प्रभावित रहा। सुबह 10 बजे से बूंदाबांदी शुरू हुई। इसके बाद अचानक तेज बारिश आई। करीब आधा घंटे तक तेज बारिश से शहर की सडक़ें लबालब हो गई।
आधे से ज्यादा सावन सूखा निकलने के बाद भादो में बुधवार को पहली जोरदार बारिश हुई। शहर में दिनभर रुक-रुक कर बारिश का दौर चला। इससे दिनभर मौसम सुहाना रहा, मगर शहर में यातायात प्रभावित रहा। सुबह 10 बजे से बूंदाबांदी शुरू हुई। इसके बाद अचानक तेज बारिश आई। करीब आधा घंटे तक तेज बारिश से शहर की सडक़ें लबालब हो गई।
इसके बाद बारिश का दौर दो बजे तक थमा। दो बजे बाद कालीघटाओं के साथ फिर से गुलाबी नगरी में झमाझम शुरू हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक जोरदार बारिश हुई। वैशाली नगर, झालाना, जगतपुरा, सांगानेर, प्रतापनगर, मानसरोवर, पत्रकार कॉलोनी, परकोटा, झोटवाड़ा आदि इलाकों में जोरदार बारिश हुई। हालांकि कलक्ट्रेट पर 20 मिलीमीटर और सांगानेर हवाईअड्डा पर 18 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उधर, जयपुर के आस-पास ग्रामीण इलाकों में सर्वाधिक बारिश दूदू में 92 मिलीमीटर दर्ज की गई।
बारिश से दिखी कुंड की रंगत, झरना चलता हुआ दिखा
जयपुर में गेटोर की छतरियों के पीछे सुदर्शन की खोल में प्राचीन समय के कदम कुंड हैं। इन कुंडों में नाहरगढ़ की पहाडिय़ों से पानी आता है। बीते एक सप्ताह से हो रही बारिश ने कुंडों की रंगत बदल दी है। कुंड लबालब हो गए और पानी का बहाव यहां पर झरने सा अहसास करा रहा है। राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत इन कुडों की इस बार सफाई करवाई गई थी। इसके अलावा बीते सालों में यहां सुरक्षा दीवार और कई विकास कार्य करवाए हैं। जानकारों की मानें तो कदम कुंड क्षेत्र में बघेरा की आवाजाही भी रहती है। असंख्य मोरों की मोर बुर्ज भी यहां पर है।
जयपुर में गेटोर की छतरियों के पीछे सुदर्शन की खोल में प्राचीन समय के कदम कुंड हैं। इन कुंडों में नाहरगढ़ की पहाडिय़ों से पानी आता है। बीते एक सप्ताह से हो रही बारिश ने कुंडों की रंगत बदल दी है। कुंड लबालब हो गए और पानी का बहाव यहां पर झरने सा अहसास करा रहा है। राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के तहत इन कुडों की इस बार सफाई करवाई गई थी। इसके अलावा बीते सालों में यहां सुरक्षा दीवार और कई विकास कार्य करवाए हैं। जानकारों की मानें तो कदम कुंड क्षेत्र में बघेरा की आवाजाही भी रहती है। असंख्य मोरों की मोर बुर्ज भी यहां पर है।