बलगम और खांसी को दूर करती है हींग। हींग में शहद मिलाकर खाने से खांसी में आराम आता है। हींग एक शक्तिशाली श्वसन उत्तेजक है। इसे शहद, अदरक के साथ मिलाकर खाने से खांसी व ब्रोंकाइटिस की समस्या में फायदा होता है।
हींग माइग्रेन, पीरियड और दांत के दर्द में भी आराम देती है। हींग में एंटीऑक्सीडेंट्स और दर्द निवारक तत्व होते हैं, जो दर्द को दूर करते हैं। कान के दर्द में नारियल के तेल के साथ हींग मिलाकर डालने से दर्द में आराम मिलता है।
मसूड़ों के दर्द में भी हींग आराम पहुंचाती है। मसूड़ों में खून निकलने की समस्या है तो आप हींग के पानी के साथ कुल्ला करेंगे तो फायदा होगा। हींग का इस्तेमाल दांत के दर्द और दांतों के संक्रमण को दूर करने में भी फायदेमंद होता है।
हींग में प्राकृतिक रूप से इंसुलिन को बढ़ाने की क्षमता पाई जाती है जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। खानपान में हींग को शामिल कर ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। अपने खाने में हींग शामिल करें। इससे ये अपना एंटी-डायबिटिक प्रभाव दिखा पाएगी। हींग इंसुलिन को छिपाने के लिए अग्नाशय की कोशिकाओं को उत्तेजित करती है जिससे कि ब्लड शुगर लेवल कम होता है।
हींग में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी इसे स्किन के लिए उपयोगी बनाती है। हींग का उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। हींग त्वचा में होने वाली जलन को कम करती है। ठंडे प्रभाव के कारण यह जल्द ही जलन से राहत दिलाती है।
हींग में ततैया मधुमक्खी जैसे कीट के डंक के दर्द को दूर करने की खूबी भी होती है। हींग इन कीटों के जहरीले असर को कम करती है साथ ही सूजन भी दूर करती है। ततैया के डंक के दर्द से आराम पाने के लिए आप हींग को प्रभावित क्षेत्र में लगाएं, राहत मिलेगी।
कुछ लोगों को हींग के इस्तेमाल से एलर्जी हो सकती है। पहले इसका उपयोग थोड़ी मात्रा में करें ताकि इस प्रकार की समस्या ना आए।
उच्च रक्तचाप से पीडि़त व्यक्ति हींग का प्रयोग सावधानी पूर्वक करें। हींग के अधिक सेवन से रक्तचाप में काफी गिरावट आ सकती है
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं हींग खाने से बचें।
अधिक हींग पेट में जलन कर सकती है।
इस्तेमाल से पहले चिकित्सक की सलाह ले लेनी चाहिए।