मिश्र आज राजभवन में अनुसूचित क्षेत्र में जनजाति विकास एवं कल्याण हेतु संचालित योजनाओं की प्रगति एवं समस्याओं के संबंध में विशेष समीक्षा बैठक में ऑनलाइन सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में वंचित समूहों को हर सम्भव सहायता प्रदान किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में विद्यार्थियों की कोचिंग, शिक्षा छात्रवृति समय पर मिले, इसकी व्यवस्था प्रभावी रूप में सुनिश्चित हो।
उन्होंने छात्रवृत्ति स्वीकृति एवं भुगतान की ऐसी आदर्श व पारदर्शी व्यवस्था अपनाए जाने पर जोर दिया जिसमें यथासंभव वित्त वर्ष समाप्त होने के साथ ही राशि विद्यार्थी के खाते में जमा हो जाए। उन्होंने कहा कि यदि आवेदन पत्र में कोई कमी या त्रुटि हो तो उसे निरस्त करने के स्थान पर उसकी पूर्ति करवा शीघ्र विद्यार्थी को लाभान्वित करने का प्रयास होना चाहिए।
राज्यपाल ने अनुसूचित क्षेत्र में जनजातियों के समग्र विकास के लिए योजनाओं का व्यावहारिक क्रियान्वयन किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि नवाचार अपनाते हुए ऐसे स्थानों पर अधिकाधिक आदर्श गांव बने। उन्होंने जनजातीय क्षेत्र के बालक-बालिकाओं को सीएसआर के तहत उच्च पदों पर चयन के लिए बेहतर से बेहतर कोचिंग सुविधा दिए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा में जनजाति उपयोजना का जो ‘राजस्थान पैटर्न’ लागू हुआ है, उसमें इस तरह से कार्य हो कि वह दूसरे राज्यों के लिए भी अनुकरणीय हो। उन्होंने अनुसूचित क्षेत्र के 5 हजार 696 गावों में से 49 गाँवों को मॉडल विलेज बनाने के बारे में जिलेवार प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों के छात्रावासों में स्वच्छता की प्रभावी व्यवस्था के साथ वहां रहने की अच्छी सुविधाओं का विकास किए जाने के भी विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आदर्श गावों की प्रगति की मासिक सूचना राजभवन को मिले। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस सम्बंध में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
राज्यपाल ने ‘जलजीवन मिशन’ योजना के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र के सभी घरों को जल्द से जल्द कनेक्शन से जोड़कर स्वच्छ जल मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने माही बेसिन क्षेत्र में प्रति वर्ष व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को संचित करने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर कृषि, उद्योग एवं रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे और आदिवासियों के द्वारा पलायन के मामलों में भी कमी आएगी।