उन्होंने साफ निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर कार्ययोजना बनाएं और जिलों और सभी संबंधित विभाग से उचित समन्वय के साथ कार्य करें। मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना प्रचार कर नागरिकों को स्पष्ट बताया जाए कि अब दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाने से थाने में प्राथमिकी नहीं बल्कि इनाम के स्वरूप पांच हजार रुपए मिलेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला यातायात प्रबंधन समिति की नियमित बैठक सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में अधिकारियों का प्रशिक्षण भी होना चाहिए। उन्होंने परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग और यातायात पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए बनाई गई कार्ययोजना की तारीफ करते हुए कहा कि सभी जिलों एवं विभागों को इसकी अनुपालना करनी चाहिए।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, परिवहन एवं सड़क सुरक्षा अभय कुमार ने आई -रेड (इन्टीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस) का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि इस एप के उपयोग से सड़क दुर्घटना से संबंधी लाइव डेटा प्राप्त हो जाता है जिससे दुर्घटना स्थल पर एम्बुलेंस शीघ्र पहुंचाई जा सकें। परिवहन आयुक्त महेन्द्र सिंह सोनी ने भी रिपोर्ट पेश की।
बैठक में नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव आशुतोष एडी पेडनेकर, अतिरिक्त महानिदेशक ट्रैफिक वीके सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, सड़क सुरक्षा के विशेषज्ञ प्रोफेसर भी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुडे़ हुए थे।