जयपुर

बरसात के मौसम में हेपेटाइटिस ए व ई का बड़ा खतरा

Hepatitis A and E: Change In The Weather इन दिनों Hepatitis A and E के Patients में Increasing होने लगी है। Rainy Season में यह Disease बहुत तेजी से फैलती है। हेपेटाइटिस ए व ई मुख्य रूप से मूंह से शरीर में जाने वाले Food And Drink के कारण होता है। इसलिए इन दिनों खाने-पीने की चीजों पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। Government व Private Hospital के Outdoor में भी दिनों इन बीमारियों से पीडि़तों की संख्या में खासा Increas हो रहा है

जयपुरAug 10, 2019 / 07:02 pm

Anil Chauchan

Hepatitis B: पेट की समस्या को न करे नजरअंदाज, डॉक्टर से ले सही समय पर सही इलाज

जयपुर . मौसम बदलने के साथ ( change in the weather ) ही इन दिनों हेपेटाइटिस ए व ई ( hepatitis A and E ) के मरीजों ( patients ) में वृद्धि होने लगी है। बरसात के मौसम ( rainy season ) में यह बीमारी ( disease ) बहुत तेजी से फैलती है। हेपेटाइटिस ए व ई मुख्य रूप से मूंह से शरीर में जाने वाले पेय व खाद्य पदार्थों ( Food and Drink ) के कारण होता है। इसलिए इन दिनों खाने-पीने की चीजों पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। सरकारी ( government ) व प्राइवेट अस्पतालों ( private hospital ) के आउटडोर ( outdoor ) में भी दिनों इन बीमारियों से पीडि़तों की संख्या में खासा इजाफा ( increas ) हो रहा है। गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट ( Gastroenterologists ) का कहना है कि हेपेटाइटिस ए ( Hepatitis A ) व ई का सीधा असर लीवर ( Liver ) पर पड़ता है। हेपेटाइटिस ए मुख्य रूप से बच्चों ( Children ) में और हेपेटाइटिस ई ( hepatitis E ) बड़ों में देखने को मिल रहा है। इस स्थिति में विशेषज्ञ उपचार के साथ-साथ बचाव की सलाह भी दे रहे हैं।
 

हेपेटाइटिस ‘ई’ से यूं करें बचाव
– उबला हुआ पानी या शुद्ध पानी ही पिएं
– कच्चे या बिना छिले खाद्य पदार्थों से बचें
– तुरंत पका हुआ ही भोजन ही खाएं
– फल व सब्जियों को पानी से धोकर ही इस्‍तेमाल करें।
– शौच के बाद अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह से धोएं
 

हेपेटाइटिस ए और ई बीमारियां गंदे और दूषित पानी के कारण ही होती हैं। हेपेटाइटिस ए और ई से बचने के लिए हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और जहां तक संभव हो उबला हुआ पानी ही पीने के लिए प्रयोग करना चाहिए। विशेषज्ञों की माने तो गर्भवती महिलाओं को साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा गर्भ में पल रहा बच्चा भी गंदगी की चपेट में आ सकता है। सामान्य तौर पर अगर हेपेटाइटिस ई होता है तो वह ठीक भी हो जाता है लेकिन गर्भवती महिलाओं में हेपेटाइटिस-ई जानलेवा साबित हो सकता है।
 

बरसात के मौसम में हेपेटाइटिस ए व ई का बड़ा खतरा
विशेषज्ञ दे रहे हैं बचाव की सलाह
हेपेटाइटिस ए बच्चों में तथा ई बड़ों में ज्यादा
इस मौसम में बढ़ जाती हैं संक्रमण जनित बीमारियां
बरसात के मौसम में तेजी से फैलती हैं ये बीमारियां
अस्पतालों के आउटडोर में बढ़ रही है मरीजों की संख्या
गर्भवती महिलाओं को साफ -सफाई का रखना होगा विशेष ध्यान
हेपेटाइटिस ई के 25 लाख मामले सामने आते हैं हर साल
75 हजार लोग हो जाते हैं मौत का शिकार

विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार हर साल हेपेटाइटिस ई संक्रमण के 25 लाख मामले सामने आते हैं और उनमें से 75 हजार मौत का शिकार हो जाते हैं। यह विकासशील देशों में आम है। आमतौर पर वायरस का संक्रमण अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर दबाव और लगातार संक्रमण के कारण लीवर में क्रोनिक सूजन पैदा कर सकता है।
अगर बात हेपेटाइटिस ए की करें तो इसके होने के बाद लिवर में सूजन आ जाती है। हेपेटाइटिस ए पांच प्रकार के होते हैं। जिसमें बी, सी, डी और ई भी शामिल है। हेपेटाइटिस ए के लक्षण छोटे बच्चों में बहुत कम दिखते हैं। किशोरों और वयस्कों में इसके गंभीर लक्षण होते हैं, जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक मामलों में पीलिया पाया जाता है।
ऐसे करें हेपेटाइटिस ‘ए’ से बचाव
– अच्छा और स्वस्थ व ताजा खाना खाएं।
– अधिक मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करें।
– अपनी गतिविधि को कम करें और जितना हो सके आराम करें।
– शराब और नशीली दवाओं के सेवन से बचें।
– शरीर में कहीं खुजली होने पर डॉक्टर को दिखाए।
अगर हेपेटाइटिस ‘ए’ बहुत तेजी से आपके शरीर में फैल रहा हो तो यह आपके फाइब्रोसिस को नुकसान पहुंचा सकता है। यह बीमारी दूषित खाने और पानी के सेवन से भी होती है।
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