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यहां भाजपा—कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भूल गए विरोध की बातें

locationजयपुरPublished: Dec 06, 2019 08:18:37 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

अपनी पार्टी की नीतियों, कार्यों और विचारधारा को लेकर दूसरे राजनीतिक दल और उसके नेताओं पर लगातार हमला बोलने वाले भाजपा और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षों के सुर विदेश में बिलकुल बदले बदले से नजर आए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने लंदन में केवल एक ही बात की। बात थी अपनी संस्कृति, माटी और प्रदेश व देश के गौरव को वैश्विक उंचाई दिलाने की।

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जयपुर
अपनी पार्टी की नीतियों, कार्यों और विचारधारा को लेकर दूसरे राजनीतिक दल और उसके नेताओं पर लगातार हमला बोलने वाले भाजपा और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षों के सुर विदेश में बिलकुल बदले बदले से नजर आए। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने लंदन में केवल एक ही बात की। बात थी अपनी संस्कृति, माटी और प्रदेश व देश के गौरव को वैश्विक उंचाई दिलाने की। दोनों ही नेताओं ने प्रवासी भारतीयों को विदेश में भारतीय संस्कृति को जीवंत रखने के लिए आभार जताया तथा अपनी जड़ों को प्रदेश में और मजबूत करते हुए प्रदेश तथा देश के विकास में सहयोग का आहृवान किया
लंदन में प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में डिप्टी सीएम पायलट ने भारतीय प्रवासियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा विदेशी निवेश को आमंत्रित करने के लिए बनाई गई नीतियों की चर्चा करते हुए कहा कि हम चाहे देश में रहें या फिर विदेश में , हम सबका मकसद भारत को वैश्विक तौर पर ऊंचाईयां प्रदान करना है।
इसी तरह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान के इतिहास, संस्कृति और पर्यटन की बात करते हुए कहा कि हम सत्ता में नहीं हैं, लेकिन जो भी बन पड़ेगा प्रदेश हित के लिए हम साथ काम करेंगे। उन्होंने दी राजस्थान एसोसिएशन यूके के
मंच से एसोसिएशन से आग्रह किया कि हमें केवल व्यवसायिक हित ही नहीं वरन राजस्थान की संस्कृति, कला और सभ्यता के क्षेत्र में भी कार्य करना चाहिए। पूनिया ने पीएम मोदी को वैश्विक मंच पर प्रवास करके प्रवासी भारतीयों को एकजुट करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने प्रवासी भारतीयों को एकजुट करके देश हित के साथ ही सामाजिक और व्यावसायिक कार्यों में भी उनकी भूमिका बढ़ाने का आग्रह किया, जिसे प्रवासी भारतीयों ने स्वीकार भी किया है।
पूनिया ने सम्मेलन को प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहीं के गाता हूं की पहली पंक्ति गाकर किया। उन्होंने अपने भाषण में पन्नाधाय, महाराणा प्रताप, पद्मावती आदि की भी चर्चा की।

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