READ MORE : padmavat film controversy: फिल्म पद्मावत के चर्चा में आने के बाद पत्रिका की खास रिपोर्ट, सामने आई इस तरह की बातें लगातार 24 घंटे तक चिकित्सालय में ठहरने के बावजूद उसे देखकर किसी का दिल नहीं पसीजा। थक-हार कर परिवार उसकी रस्सी खोलकर उसे गांव ले गया। मालवा चौरा निवासी मानसिक रोगी मोगा पुत्र नोना गरासिया और उसका परिवार रविवार शाम एेसी ही पीड़ा से जूझता रहा। मोगा को परिजन इस उम्मीद से शनिवार शाम यहां मानसिक रोग विभाग में लाए थे कि परिवार के बड़े बेटे का भला हो जाए। रात बिताने के बाद सुबह दो घंटे के ओपीडी के दौरान किसी भी मानसिक रोग विशेषज्ञ ने उस परिवार को समझने का साहस नहीं जुटाया।
पागलपन के दौरों को देखते हुए परिजनों ने यह सोचकर कि उसे मुख्य द्वार के बाहर बबूल की जड़ में रस्सी से बांधकर बिठा दिया कि शायद कोई डॉक्टर उसका उपचार शुरू करे। आते-जाते हर व्यक्ति की नजर उसे ‘तेरे नाम’ फिल्म में किरदार से दिखने वाले इस युवा पर पड़ी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। परिवार धर्मशाला में भी जगह नहीं पा सका। मामले में विभागाध्यक्ष डॉ. सुशील खेराड़ा से संपर्क नहीं हो सका।
नर्सेज कार्मिक ने भडक़ाया
मीडिया के पहुंचने पर शाम करीब ५ बजे मानसिक रोग विभाग में मौजूद महिला नर्स ने बाहर बैठे कुछ लोगों को उकसाते दिखाई दी। वार्ड के मेल नर्स ने भी इसे हवा दी। नतीजा यह रहा कि कुछ लोगों ने गरीब परिवार पर मौके से जाने के लिए दबाव बनाया, जबकि उनमें शामिल एक युवा ने खुद को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बताते हुए मीडिया कर्मियों और चौकी पुलिस के जवानों से उलझने की कोशिश की।
मीडिया के पहुंचने पर शाम करीब ५ बजे मानसिक रोग विभाग में मौजूद महिला नर्स ने बाहर बैठे कुछ लोगों को उकसाते दिखाई दी। वार्ड के मेल नर्स ने भी इसे हवा दी। नतीजा यह रहा कि कुछ लोगों ने गरीब परिवार पर मौके से जाने के लिए दबाव बनाया, जबकि उनमें शामिल एक युवा ने खुद को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बताते हुए मीडिया कर्मियों और चौकी पुलिस के जवानों से उलझने की कोशिश की।
जानकारी में नहीं
24 घंटे के बाद भी मानसिक रोगी को उपचार की सुविधा नहीं मिली। इसकी मुझे सूचना नहीं है। विभाग कार्मिकों एवं एचओडी से एेसे मामलों में सक्रियता बरतने के लिए कहा जाएगा।
24 घंटे के बाद भी मानसिक रोगी को उपचार की सुविधा नहीं मिली। इसकी मुझे सूचना नहीं है। विभाग कार्मिकों एवं एचओडी से एेसे मामलों में सक्रियता बरतने के लिए कहा जाएगा।
-डॉ. विनय जोशी, अधीक्षक, एमबी हॉस्पिटल