वित्त विभाग के निर्देश पर आबकारी विभाग ने इस संबध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। अभी तक बार और रेस्टोरेंट में अंग्रेजी शराब ही बेचने की अनुमति थी। ऐसी स्थिति में गंगानगर शुगर मिल निर्मित हेरीटेज शराब की बिक्री में गिरावट आ रही थी क्योंकि उसे बेचने के लिए कोई प्लेटफार्म आबकारी विभाग के पास नहीं था। ऐसे में गंगानगर शुगर मिल के घटते राजस्व को पटरी पर लाने के लिए सरकार के स्तर पर विचार हुआ और आबकारी विभाग ने बार और रेस्टोरेंट में हेरीटेज ब्रांड की शराब को बेचने की अनुमति दी है।
सूत्रों के अनुसार गंगानगर शुगर मिल के अधिकारी अगले माह से हेरीटेज लिकर के गिफ्ट पैक भी बाजार में उतारने की तैयारी कर रहे है। जिससे इसकी बिक्री बढ सके। इस साल आबकारी विभाग ने शराब से 11 हजार करोड रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है।
सरकार अभी तक अंग्रेजी शराब को ही शराब से राजस्व अर्जन का बडा जरिया मानती थी लेकिन बदलते वक्त और गंगानगर शुगर मिल के बढते घाटे के बार वित्त विभाग और आबकारी विभाग ने हेरिटेज शराब को बेचने का पेटर्न बदला है। इससे पहले भी हेरीटेज के कई ब्रांड नहीं बिकने के कारण बाजार से बाहर हो चुके हैं। गंगानगर शुगर मिल के अफसरों का कहना है कि हरियाणा में प्राइवेट कंपनियां देशी शराब बेचती हैं और अगर राजस्थान में देशी और हेरिटेज की ब्रिकी को लेकर अगर सही नीति रही तो आने वाले दिनों में प्राइवेट कंपनियां यहां भी पैर जमा सकती हैं।