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राहुल गांधी के दौरे के कारण अलवर SP नहीं हुए में हाजिर, हाईकोर्ट ने दिखाई तल्खी

locationजयपुरPublished: May 17, 2019 10:53:01 am

Submitted by:

abdul bari

वीवीआइपी सुरक्षा के नाम पर नहीं आना एसपी को महंगा पड़ा
हाईकोर्ट ने डीजीपी से पूछा, क्यों न अलवर एसपी पर कार्रवाई हो और नरबलि की जांच क्यों न सीबीआइ को दें

जयपुर।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे के कारण अलवर पुलिस अधीक्षक के हाजिर नहीं होने पर हाईकोर्ट ने तल्खी दिखाई है। हाईकोर्ट ने पुलिस महानिदेशक से पूछा है कि वीवीआइपी सुरक्षा और कोर्ट में पेशी में से कानून में किसे प्राथमिकता है और यदि कानूनी प्रावधान नहीं है तो अलवर एसपी पर कार्रवाई की जाए। साथ ही, पूछा कि नरबलि के नाम पर दो बच्चों की हत्या के मामले की जांच क्यों न पुलिस की विशेष शाखा या सीबीआइ को सौंप दी जाए। न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी ने भीमसेन की याचिका पर यह आदेश देते हुए सुनवाई 3 जुलाई तक टाल दी। तथ्यों के अनुसार 20 मई 15 को याचिकाकर्ता के दो मासूम बच्चे खेलने निकले थे और गायब हो गए। 24 मई को दोनों का शव पहाड़ पर खंडहर में मिला। इस मामले में मुंडावर थाना पुलिस ने तीन जनों को गिरफ्तार किया, लेकिन पुलिस ने हत्या के पीछे तांत्रिक इकबाल का नाम बताया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस ने यह नाम काल्पनिक रूप से जोड़ा है, क्योंकि उसकी न तो गिरफ्तारी की है और न ही इस दावे के पीछे कोई तर्क है। प्रार्थीपक्ष ने निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की थी। इस मामले में कोर्ट ने पिछली तारीख पर अलवर पुलिस अधीक्षक को हाजिर होने का आदेश दिया, जिसकी पालना में पुलिस अधीक्षक गुरुवार को हाजिर नहीं हुए और वीवीआइपी सुरक्षा में व्यस्तता के आधार पर हाजिरी से माफी देने का आग्रह किया। सुनवाई के दौरान अनुसंधान अधिकारी सहित पुलिस के स्थानीय अधिकारी मौजूद रहे। कोर्ट ने यह आदेश दिया है कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक से कहा है कि पुलिस अधीक्षक का कोर्ट में आना जरूरी है या वीवीआइपी सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसको लेकर कानूनी प्रावधान क्या है? यदि कोई कानूनी प्रावधान नहीं है तो अलवर पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की जाए। डीजीपी से इस मामले में जवाब मांगा है। वहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि हत्या के इस मामले की जांच क्यों न पुलिस की विशेष शाखा या सीबीआइ को सौंप दी जाए।
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