याचिकाकर्ता का कहना है कि पुलिस ने यह नाम काल्पनिक रूप से जोड़ा है, क्योंकि उसकी न तो गिरफ्तारी की है और न ही इस दावे के पीछे कोई तर्क है। प्रार्थीपक्ष ने निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की थी। इस मामले में कोर्ट ने पिछली तारीख पर अलवर पुलिस अधीक्षक को हाजिर होने का आदेश दिया, जिसकी पालना में पुलिस अधीक्षक गुरुवार को हाजिर नहीं हुए और वीवीआइपी सुरक्षा में व्यस्तता के आधार पर हाजिरी से माफी देने का आग्रह किया। सुनवाई के दौरान अनुसंधान अधिकारी सहित पुलिस के स्थानीय अधिकारी मौजूद रहे। कोर्ट ने यह आदेश दिया है कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक से कहा है कि पुलिस अधीक्षक का कोर्ट में आना जरूरी है या वीवीआइपी सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसको लेकर कानूनी प्रावधान क्या है? यदि कोई कानूनी प्रावधान नहीं है तो अलवर पुलिस अधीक्षक पर कार्रवाई की जाए। डीजीपी से इस मामले में जवाब मांगा है। वहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि हत्या के इस मामले की जांच क्यों न पुलिस की विशेष शाखा या सीबीआइ को सौंप दी जाए।