सेहत के लिए बेहद खतरनाक अधिवक्ता श्वेता पारीक ने याचिका में कहा है कि एक महीने में कोरोना से फेफड़ों जितना नुकसान होता है वह 25 साल तक सिगरेट पीने के बराबर है। इसी के साथ सर्दियों में हवा का दवाब ज्यादा होने से श्वास रोगियों को वैसे ही खासी परेशानी होती है इस पर कोरोना खतरे के देखते हुए पटाखा बिक्री का लाइसेंस जारी नहीं होना चाहिए।
व्यापारियों का क्या होगा सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पटाखा बिक्री करने वाले व्यापारियों को लेकर सवाल किया। जिस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि पटाखा चलना किसी तरह दीपावली से जुड़ी परंपरा नहीं है। फिर भी आवश्यक है तो एक घंटें के लिए इकोफ्रेंडली पटाखा चलाने की अनुमति दी जा सकती है।