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एक-दो माह बाद सुप्रीम कोर्ट में साथ दिखेंगे न्यायाधीश नंद्राजोग- न्यायाधीश सीकरी

locationजयपुरPublished: Sep 30, 2018 12:14:01 am

Submitted by:

Shailendra Agarwal

कुछ यूं बोले न्यायाधीश सीकरी

Sabarimala Temple

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश ए के सीकरी ने अपनी जयपुर यात्रा के दौरान पिछले दिनों फैसलों को लेकर लोगों के मन में आए सवालों पर शनिवार को राजस्थान पत्रिका से सहजता से बात की।
सवाल—आप कॉलेजियम में हैं, राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे कब साथ नजर आएंगे?
जवाब—न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग दिल्ली में साथ रहे और साथ बैठते देखना चाहता हूं। फिर हंसते हुए कहा, ऐसा होना चाहिए एक-दो माह लगेंगे।
सवाल—-हर कोई सुप्रीम कोर्ट में सीधे मामले ले जाता है, क्या यह ठीक है?
जवाब—लोग आते हैं कोर्ट को कहते हैं मामला महत्वपूर्ण है, ऐसे में कोर्ट को तो मामला सुनना ही है। आंकड़े देख लीजिए 10 में से 8 मामले खारिज होते हैं। यह समझने की बात है कि कोर्ट प्रशासन नहीं चला रहा है, लेकिन जनहित के कुछ ऐसे मामले होते हैं जिनमें गरीब और अनपढ़ का हित होता है। ऐसे लोग अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैं, उनको न्याय मिलना चाहिए। बेबुनियाद मामलों को भारी जुर्माने के साथ खारिज किया जाना चाहिए।
सवाल—सबरीमाला मामले में न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा ने कहा, कोर्ट धार्मिक मामलों में दखल नहीं दे?
जवाब–बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जैसे समलैंगिकता। धर्म की बात नहीं है, लेकिन आइपीसी इसे जुल्म मान रहा है। संविधान एक है और कानून संविधान के तहत बन रहा है। संविधान में धर्म का अधिकार, समता का अधिकार व जीने का अधिकार दिए गए हैं। कई मामलों में दोनों ओर मूल अधिकार जुडे़ हुए होते हैं, लेकिन सुनने वाले की सोच अलग होती है। अब यह जज पर निर्भर करता है कि वह किसे अधिक महत्व दे। सबरीमाला में महिलाओं को प्रवेश पर बहुमत का फैसला आया है।
सवाल—एक ही बैंच के अलग-अलग फैसले आते हैं, उससे लोग भ्रमित होते हैं?
जवाब—जहां तक न्यायिक व्यवस्था का सवाल है। कोर्ट संविधान के अनुसार निर्णय करती है। जैसे हाल ही विवाहेत्तर सम्बन्धों से जुड़े मामले में न्यायाधीश डी वाइ चन्द्रचूड ने अपने ही पिता का 35 साल पुराना फैसला बदल दिया। समाज बदलता है, उसके अनुसार हमारे पैमाने भी बदलते हैं और उसी से फैसले बदलते हैं।
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