न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने दीपक सिंह की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि प्रार्थी के पास 2006 से हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) के लिए लाइसेंस है। प्रार्थी ने परिवहन विभाग से मालवाहक वाहन के लिए लाइसेंस जारी करने का आग्रह किया, लेकिन प्रार्थी के कक्षा 8 पास नहीं होने के कारण उसे लाइसेंस जारी नहीं किया गया। प्रार्थी ने हाईकोर्ट से लाइसेंस जारी कराने का आग्रह किया। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता निरक्षर है और पढ़ने-लिखने में सक्षम नहीं है, फिर भी परिवहन विभाग ने उसे लाइसेंस दे रखा है।
कोर्ट यह मानता है कि मोटर वाहन नियम न केवल लाइसेंस धारकों के हितों के लिए होने चाहिए, बल्कि इन नियमों में उन लोगों का भी ध्यान रखा जाए जो सड़क का उपयोग करते हैं। अनपढ़ लोगों को किसी प्रकार के वाहन चलाने का लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसे लोगों को लाइसेंस जारी करना पैदल यात्रियों के लिए खतरा है। ऐसे लोग शहरों व हाईवे पर आमजन की सुरक्षा के लिए लगे सड़क संकेतक व चेतावनी नोटिस को नहीं समझ सकते। इस कारण याचिकाकर्ता व उसके जैसे लोगों का एल एम वी लाइसेंस वापस लिया जाए। यातायात से जुड़े अधिकारियों को इस बारे में आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने और अनपढ़ लोगों को जारी लाइसेंस पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं।