(Rajasthan Highcourt) हाईकोर्ट ने (Mining Bribery case)खान महाघूस कांड से संबंधित (Money Laundring case) मनी लॉड्रिंग मामले में एक आरोपी संजय सेठी को (anticipatory bail) अग्रिम जमानत देने से (refused) इनकार करते हुए अग्रिम जमानत याचिका (dismissed) खारिज कर दी है। सेठी का कहना है कि उसने ईडी के साथ अनुसंधान में पूरा सहयोग किया है और जब भी उसे बुलाया गया वह हाजिर हुआ है। भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज मामले मंे उसे जमानत मिल चुकी है और उसके खिलाफ मनी लॉड्रिंग का कोई मामला ही नहीं बनता है। उसे ब्रेन स्ट्रोक हो चुका है और वह बीमार चल रहा है। इसलिए उसे अग्रिम जमानत दी जाए।
विरोध में ईडी की ओर से कहा गया कि सेठी ने ईडी कोर्ट के २१ जनवरी,२०१९ के प्रसंज्ञान आदेश को पहले भी चुनौती दी थी लेकिन,हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली और सुप्रीम कोर्ट से भी उनकी अपील खारिज हो चुकी है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदलने से इनकार कर चुके हैं। इसके साथ ही पहले भी इन्हीं तथ्यों के आधार पर प्रसंज्ञान आदेश को चुनौती दी गई थी। जब कोर्ट पहले ही गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में बदलने से इनकार कर चुकी है तो आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती।
उल्लेखनीय है कि खान महाघूस कांड से जुडे मनी लॉड्रिंग के मामले में आरोपी श्याम सुदंर सिंघवी,पुष्करराज आमेटा, धीरेन्द्र उर्फ चिंटू और पंकज गहलोत न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। जबकि आरोपी पूर्व आईएएस अशोक सिंघवी,संजय सेठी,तमन्ना बेगम और राशिद शेख के खिलाफ नए गिरफ्तारी वारंट जारी हैं और चारों को १७ मार्च तक कोर्ट में हाजिर होना है।