एसीपी मालवीय नगर दिनेश शर्मा ने बताया कि जगतपुरा इंदिरा गांधीनगर निवासी श्यामकुमार वाधवानी ने 8 जुलाई 2016 में शिकायत दी थी कि उसके भाई अर्जुन कुमार की मालवीय नगर में साड़ी की दुकान है। जून 2016 में वंदना भट्ट और पूनम कंवर आईं और परिवार में शादी की कहकर 25 हजार रुपए की 20 साडिय़ां उधार ले गईं। अर्जुन ने रुपए मांगे तो दोनों ने उसे मानसरोवर स्थित एक अपार्टमेंट में बुलाया। वहां पहुंचने पर आरोपी महिला ने धमकाया और दुष्कर्म के मामले में फं सा कर जेल भिजवाने की धमकी दी। खाली स्टांप पर हस्ताक्षर करा लिए और फोन पर भी धमकाया।
पहले मांगे पांच लाख, फि र तीन पर आईं
वंदना भट्ट और पूनम कंवर ने अर्जुन से पहले पांच लाख रुपए उधार मांगे। फि र ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। पांच लाख रुपए न देने पर दुष्कर्म का मुकदमा कराने और बदनाम करने की धमकी दी। फि र तीन लाख रुपए में वंदना और पूनम आ गईं। आए दिन की धमकी और प्रताडना से तंग पीडि़त ने मालवीय नगर थाना में मामला दर्ज करा दिया। मगर पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
वंदना भट्ट और पूनम कंवर ने अर्जुन से पहले पांच लाख रुपए उधार मांगे। फि र ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। पांच लाख रुपए न देने पर दुष्कर्म का मुकदमा कराने और बदनाम करने की धमकी दी। फि र तीन लाख रुपए में वंदना और पूनम आ गईं। आए दिन की धमकी और प्रताडना से तंग पीडि़त ने मालवीय नगर थाना में मामला दर्ज करा दिया। मगर पुलिस ने आगे कोई कार्रवाई नहीं की।
युवतियों ने कराया था श्यामनगर में मुकदमा
मालवीय नगर में मुकदमा दर्ज होने पर वंदना भट्ट और पूनम कंवर ने श्यामनगर थाने में महेशनगर थाना के एक पुलिसकर्मी की मदद से अर्जुन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। श्यामनगर पुलिस ने एक बार तो पीडि़त अर्जुन को धमकाया लेकिन उसके द्वारा पहले ही मुकदमा दर्ज कराए जाने पर अधिकारी हैरान रह गए। श्यामनगर थानाधिकारी सुधीर उपाध्याय ने बताया कि मालवीय नगर थाना में पहले वंदना और पूनम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने और अनुसंधान में मामला झूठ लगा। इसलिए मामले में एफ आर लगा दी।
मालवीय नगर में मुकदमा दर्ज होने पर वंदना भट्ट और पूनम कंवर ने श्यामनगर थाने में महेशनगर थाना के एक पुलिसकर्मी की मदद से अर्जुन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। श्यामनगर पुलिस ने एक बार तो पीडि़त अर्जुन को धमकाया लेकिन उसके द्वारा पहले ही मुकदमा दर्ज कराए जाने पर अधिकारी हैरान रह गए। श्यामनगर थानाधिकारी सुधीर उपाध्याय ने बताया कि मालवीय नगर थाना में पहले वंदना और पूनम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने और अनुसंधान में मामला झूठ लगा। इसलिए मामले में एफ आर लगा दी।
कबूली थी दस वारदात, वसूले थे दो करोड़ से ज्यादा
एसओजी ने दस फरवरी 2017 को हाई प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह के दूसरे गिरोह का पर्दाफाश करके चौमंू निवासी महेश कुमार, मालवीयनगर सेक्टर-एक निवासी वदंना भट्ट उर्फ सारिका, दादी का फाटक निवासी पूनम कंवर और महेशनगर थाना के सिपाही बलराम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वकील अनिल यादव की हाईकोर्ट से भी अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है। वह फरार है।
एसओजी ने दस फरवरी 2017 को हाई प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह के दूसरे गिरोह का पर्दाफाश करके चौमंू निवासी महेश कुमार, मालवीयनगर सेक्टर-एक निवासी वदंना भट्ट उर्फ सारिका, दादी का फाटक निवासी पूनम कंवर और महेशनगर थाना के सिपाही बलराम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वकील अनिल यादव की हाईकोर्ट से भी अग्रिम जमानत खारिज हो चुकी है। वह फरार है।
महेश, वंदना और पूनम ने पूछताछ में दस से ज्यादा ब्लैकमेलिंग की वारदात करना कबूली और दो करोड़ से ज्यादा की वसूली का खुलासा किया था। गोपालपुरा बायपास निवासी एक मार्बल कारोबारी की दस लाख रुपए की वसूली की शिकायत पर गिरोह का खुलासा हुआ था। गिरोह ऑनलाइन स्पा सेंटर का विज्ञापन देकर लोगों को जाल में फंसाता था।