ईडब्लूएस वर्ग में आरक्षण का प्रावधान 13 फरवरी 2019 को किया गया था। इस समय तक करीबन 28 हजार 256 पदों के भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई थी। सुरेंद्र सिंह व अन्य सहित 21 याचिकाओं के जरिए प्रक्रियाधीन मामलों में आरक्षण की मांग की गई। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि एमबीसी श्रेणी में गुर्जर सहित पांच जातियों को आरक्षण का लाभ दिया गया। जबकि इसी के साथ ईडब्लएस यानि आर्थिक पिछड़ा वर्ग को इसका लाभ नहीं दिया गया है।
सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश एसपी शर्मा ने कहा कि प्रक्रियाधीन भर्ती में आर्थिक पिछडों को विशेष पिछड़ा वर्ग के समान आरक्षण नहीं दिया जा सकता। विशेष पिछड़ा वर्ग को विज्ञापन जारी होने से पहले ही एक फीसदी आरक्षण मिल रहा था। 13 फरवरी 2019 की अधिसूचना के जरिए से आरक्षण को चार फीसदी बढ़ाया है। नए सिरे से आरक्षण नहीं दिया है। जबकि उस समय तक आर्थिक पिछडों को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान नही था। इसलिए यदि अब आरक्षण दिया गया तो यह उन अयर्थियों के साथ अन्याय होगा जो आर्थिक पिछडों की श्रेणी में आते हैं लेकिन भर्ती का फार्म नहीं भर पाए।
यह है मामला- राज्य में गुर्जरों सहित पांच जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग के तहत एक फीसदी आरक्षण मिल रहा था। 13 फरवरी,2019 को राज्य सरकार ने इस आरक्षण को बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद 19 फरवरी, 2019 को सरकार ने आर्थिक पिछडों को दस फीसदी आरक्षण देने की अधिूसचना भी जारी कर दी। इसके साथ ही सरकार ने प्रक्रियाधीर्न भर्तियों यानि वह भर्ती जिनकी या तो परीक्षा नहीं हुई हो या परिणाम जारी नहीं हुआ तो, में भी विशेष पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को एक से बढ़ाकर पांच फीसदी कर दिया।
इन भर्तियों में मांगा था आरक्षण द्वितीय श्रेणी शिक्षक-करीब 9 हजार पद
एलडीसी-12092 पद पीटीआई-4500 पद
कर सहायक-162 पद सूचना सहायक-1302 पद
लैब असिस्टेंट-1200 पद