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अल्पसंख्यक बालिकाओं का सबसे अधिक नामांकन, नहीं हो रही 5वीं बोर्ड में उर्दू की परीक्षा

locationजयपुरPublished: May 15, 2022 05:39:28 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गंगापोल, सुभाष चौक, प्रदेश में सबसे अधिक अल्पसंख्यक बालिका के नामांकन का स्कूल फिर भी स्कूल में पांचवीं बोर्ड परीक्षा से उर्दू गायब कर दी गई।

अल्पसंख्यक बालिकाओं का सबसे अधिक नामांकन, नहीं हो रही 5वीं बोर्ड में उर्दू की परीक्षा

अल्पसंख्यक बालिकाओं का सबसे अधिक नामांकन, नहीं हो रही 5वीं बोर्ड में उर्दू की परीक्षा

अल्पसंख्यक बालिकाओं का सबसे अधिक नामांकन
फिर भी 5वीं बोर्ड परीक्षा से उर्दू गायब
17 मई को होनी है उर्दू की परीक्षा
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, गंगापोल, सुभाष चौक, प्रदेश में सबसे अधिक अल्पसंख्यक बालिका के नामांकन का स्कूल फिर भी स्कूल में पांचवीं बोर्ड परीक्षा से उर्दू गायब कर दी गई। जबकि विभाग की ओर से जारी किए गए टाइमटेबल के मुताबिक १७ मई को पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उर्दू की परीक्षा होनी है लेकिन इस स्कूल में अध्ययनरत अल्पसंख्यक बालिकाएं परीक्षा देने से महरूम रहेंगी।
जानकारी के मुताबिक इस स्कूल की प्राचार्य फरजाना खुद उूर्द व्याख्यता से पदोन्नत हैं। स्कूल में दो उर्दू व्याख्याता रूबीना वहीद और सैयद मेहनाज हैं और वरिष्ठ अध्यापक उर्दू भी दो अध्यापिका अंजुम निशात और अस्मा अजीज है। लेवल २ उर्दू की दो अध्यापिका नुसरत परवीन और यास्मीन खानम कार्यरत हैं। कुल सात उर्दू शिक्षक होने के बाद भी पांचवी कक्षा में अतिरिक्त विषय केरूप में उर्दू की परीक्षा नहीं होगी।
निदेशक के आदेश हुए बेअसर
जानकारी के मुताबिक ५वीं बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पूर्व जब डाइट गोनेर की ओर से टाइमटेबल जारी किया गया, उस समय भी यह देखने में आया था कि परीक्षा में उर्दू को शामिल नहीं किया गया। ऐसे में अभिभावक और राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के विरोध के बाद शिक्षा निदेशक ने उर्दू की परीक्षा भी लेने के निर्देश मिले लेकिन इसके बाद भी इस स्कूल में उर्दू की परीक्षा नहीं ली जा रही।
अभिभावकों में आक्रोश
जानकारी के मुताबिक यह स्कूल हवामहल विधानसभा जयपुर क्षेत्र में स्थित है जो कि डॉ. महेश जोशी काबीना मंत्री का विधानसभा क्षेत्र है । यहाँ पहली से १२वीं तक तक 2078 बालिकाओं में से 1883 अल्पसंख्यक समुदाय यानी मुस्लिम समाज की बालिकाएं है। जनमें कक्षा 1 से 5 तक 438 बालिकाएं हैं फिर भी पांचवीं बोर्ड में उर्दू की परीक्षा नहीं ली जा रही।
बिना आदेश बंद उर्दू शिक्षा
पूर्व में यह विद्यालय प्राथमिक स्तर तक उर्दू माध्यम से संचालित रहा है लेकिन अब बिना आदेश के प्राथमिक स्तर की उर्दू शिक्षा बन्द करदी गई । ऐसे में अभिभावकों में बहुत ज्यादा रोष है । उनका कहना है कि उनकी बच्चियों की मातृभाषा उर्दू की बुनियादी तालीम बन्द है और अधिकारी बहाना बना कर इस प्रकरण में बचने की कोशिश कर रहे हैं।
इनका कहना है
उर्दू भाषा के बच्चों के साथ लगातार नाइसंाफी हो रही है। बार बार हमें आंदोलन करना पड़ता है फिर उर्दू को परीक्षा में शामिल किया जाता है। ऐसे में अभिभावकों में इसे लेकर असंतोष बढ़ रहा है।
अमीन कायमखानी, प्रदेशाध्यक्ष
राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ
उर्दू की परीक्षा के बारे में जो भी बात करनी है आप विभाग के अधिकरियों से करें। हमारे पास उर्दू की परीक्षा लिए जाने को लेकर कोई आदेश नहीं आए और मैंने भी इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कोई बात नहीं की। हां, यह सही है कि हमारे स्कूल में चार सौ से अधिक बालिकाएं उर्दू पढ़ रही हैं।
फरजाना, प्रिंसिपल
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय
गंगापोल, सुभाष चौक।
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