कोटा ग्रामीण जिला भी कम नहीं
बीते वर्ष में कोटा शहर में ही १०७३ हथियार मिले। यह कितनी बड़ी संख्या है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह संख्या राज्य के १० जिलों में मिले हथियारों की संख्या से भी अधिक है। कोटा ग्रामीण राज्य का दूसरा एेसा पुलिस जिला है, जहां कोटा शहर के बाद सबसे अधिक हथियार मिले।
बीते वर्ष में कोटा शहर में ही १०७३ हथियार मिले। यह कितनी बड़ी संख्या है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह संख्या राज्य के १० जिलों में मिले हथियारों की संख्या से भी अधिक है। कोटा ग्रामीण राज्य का दूसरा एेसा पुलिस जिला है, जहां कोटा शहर के बाद सबसे अधिक हथियार मिले।
सिरोही-डूंगरपुर आदर्श
अवैध हथियार के मामले में राज्य में सिरोही सबसे अच्छी स्थिति में है। यहां बीते वर्ष २०१९ में एक भी अवैध हथियार नहीं मिला, वहीं डूंगरपुर में पूरे साल में केवल ३ ही हथियार मिले। जैसलमेर में भी महज १२ ही अवैध हथियार मिले।
अवैध हथियार के मामले में राज्य में सिरोही सबसे अच्छी स्थिति में है। यहां बीते वर्ष २०१९ में एक भी अवैध हथियार नहीं मिला, वहीं डूंगरपुर में पूरे साल में केवल ३ ही हथियार मिले। जैसलमेर में भी महज १२ ही अवैध हथियार मिले।
आधे से अधिक हाड़ौती में
राज्य भर में बीते वर्ष में मिले अवैध हथियारों में से आधे से अधिक हथियार हाड़ौती में मिले। इसमें सर्वाधिक कोटा शहर में १०७३ व सबसे कम हथियार बारां में १९ मिले, जबकि कोटा ग्रामीण में ९८०, झालावाड़ में ७६२, बूंदी में ४०९ अवैध हथियार मिले। हाड़ौती में ३२४३ हथियार मिले, जो राज्य भर में मिले कुल हथियारों ६१२९ हथियारों में से आधे से भी अधिक है।
राज्य भर में बीते वर्ष में मिले अवैध हथियारों में से आधे से अधिक हथियार हाड़ौती में मिले। इसमें सर्वाधिक कोटा शहर में १०७३ व सबसे कम हथियार बारां में १९ मिले, जबकि कोटा ग्रामीण में ९८०, झालावाड़ में ७६२, बूंदी में ४०९ अवैध हथियार मिले। हाड़ौती में ३२४३ हथियार मिले, जो राज्य भर में मिले कुल हथियारों ६१२९ हथियारों में से आधे से भी अधिक है।
कोटा में अवैध हथियारों का ट्रेंड काफी पुराना है। पुलिस अवैध हथियार रखने वालों के अलावा इनकी तस्करी, बनाने वालों को दबोच रही है। इसके अलावा बाहर के राज्यों से भी आरोपियों को दबोचा जा रहा है।
दिलीप कुमार सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटा
दिलीप कुमार सैनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटा