आमेर किले के संरक्षण के लिए सरकार का बड़ा फैसला—बफर जोन के लिए बनेंगे बॉयलॉज
जयपुरPublished: Sep 08, 2020 08:14:05 am
आमेर और चित्तौडगढ़ किले के बफर जोन के लिए बनेेगे बॉयलाजमुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एपेक्स एडवाइजरी कमेटी फॉर हिल फोर्ट की बैठकस्वायत्त शासन सचिव कमेटी बना कर एक महीने में जारी करेंगे बॉयलाज का ड्राफटआमेर सहित प्रदेश के छह किलों के इंटीग्रेटेड फोर्ट मैनेजमेंट पॉलिसी बनाई जाएगी।
आपको हैरान कर देगा MP के इस किले का इतिहास, यहां खुदाई में निकली थीं कई रहस्यमयी चीजें
जयपुर।
यूनेस्को के द्वारा 2013 में विश्व विरासत घोषित किए गए जयपुर के आमेर किले और चित्तौडगढ़ किलों के बफर जोन में पुरा विरासत के स्वरूप को बरकरार रखने के लिए बॉयलाज बनाए जाएंगे। जिससे इन दोनों किलों के बफर जोन में कोई भी मनमर्जी से निर्माण कार्य कर हवेलियों,पुरामहत्व के अन्य स्थानों के स्वरूप को खराब नहीं कर सके। सोमवार को मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में अपेक्स एडवाइजरी कमेटी फॉर हिल फोर्ट की बैठक हुई। जिसमें इन दोनों किलों के बफर जोन के लिए बॉयलाज बनाने के लिए एक कमेटी का गठन कर एक महीने में बॉयलाज का ड्राफट जारी करने के निर्देश स्वायत्त् शासन सचिव को दिए। उन्होंने कहा कि यूनेस्को को प्रस्ताव भेजते समय प्रत्येक फोर्ट के लिए अलग—अलग मैनेजमेंट प्लान बनाया गया था। इस प्लान के अपडेशन के लिए नेशनल पॉलिसी फॉर कंजर्वेशन के दिशा निर्देशों के अनुसार 2022 तक किया जाए और यह कार्य आमेर विकास प्रबंधन प्राधिकरण, पुरातत्व विभाग के माध्मय से प्रत्येक किले के संबध में किया जाए।
अन्य किलों के संबध में ये दिए निर्देश
रणथम्भौर किले में पानी और पार्किंग की समस्या के समाधान वन विभाग और जिला कलक्टर के स्तर पर किया जाए।
कुंभलगढ़ किले में पार्किंग सुविधा के विकास के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने के निर्देश
कुंभलगढ ,चितौडगढ़ व जैसलमेर में अतिक्रमणों के प्रकरणों पर शीघ्र कार्यवाही की जाए।
जैसलमेर किले की सीवरेज की समस्या का समाधान जिला कलक्टर के स्तर पर किया जाए।