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हिंदी दिवस 2022 : जानिए भारत को जोड़ने वाली हिंदी का इतिहास

locationजयपुरPublished: Sep 13, 2022 04:39:07 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

हर साल 14 सितम्बर को ‘हिंदी दिवस’ मनाया हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को अपनी राजभाषा के प्रति जागरूक करना है।

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कीर्ति वर्मा, जयपुर

भारत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लोकतंत्र है, जहां हर साल 14 सितम्बर को ‘हिंदी दिवस’ मनाया हैं, जिसका उद्देश्य लोगों को अपनी राजभाषा के प्रति जागरूक करना है। गौरतलब है भारत में हिंदी सबसे लोकप्रिय है। बदलते वक्त के साथ आज भले ही लोग वेस्टर्न कल्चर की ओर आकर्षित हो रहे हों, लेकिन बावजूद इसके हिंदी देश में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होने वाली भाषा बनी हुई है।

राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग
भारत में कई तरह की भाषा और लिपियां बोली और लिखी जाती हैं, लेकिन हिंदी लोगों की मातृभाषा है। समय-समय पर हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा देने की मांग उठी। हालांकि अब तक ये राष्ट्रभाषा भले ही न बन पाई हो, लेकिन राजभाषा के तौर पर हिंदी देश में एकजुटता को बढ़ावा दे रही है। भारतीय संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 (1) में इसका वर्णन है। देश ही नहीं, विदेशों में भी हिंदी भारत की पहचान बनी हुई है।

1953 से मनाया जाने लगा हिंदी दिवस
साल 1953 से हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया। वहीं राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद से 14 सितंबर 1953 से हिंदी दिवस मनाया जाने लगा। हालांकि 10 जनवरी को भी विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस तरह से भारत में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। एक अनुमान के मुताबिक़ देश में करीब 77% लोग हिन्दी बोलते समझते और पढ़ते हैं।


क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस?
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को प्रेरित करने के लिए हिंदी भाषा अवॉर्ड भी दिया जाता है। इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति उन सभी लोगों को सम्मानित करते हैं , जिन्होंने हिंदी भाषा के किसी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल की है। हिन्दी दिवस को पूरे एक हफ्ते तक मनाया किया जाता है, जिसे हिन्दी पखवाड़ा के नाम से जानते हैं।

विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हिंदी कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदी का दबदबा बढ़ रहा है। यहां तक की टेक्नोलॉजी के जमाने में आज विश्व की सबसे बड़ी कंपनियां जैसे गूगल, फेसबुक भी हिंदी को बढ़ावा दे रही हैं।

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महात्मा गांधी ने साल 1918 में एक हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी जनमानस की भाषा भी कहा करते थे। इसके बाद वर्ष 1947 में जब भारत आजाद हुआ तो देश में राजभाषा के चुनाव पर सवाल खड़ा हुआ। फिर 14 सितंबर 1949 को विचार-विमर्श के बाद संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा घोषित कर दिया गया।

दरअसल यह निर्णय 14 सितंबर को लिया गया था। संयोगवश इसी दिन हिंदी के महान साहित्यकार व्यौहार राजेंद्र सिंह का पचासवां जन्मदिन भी था। इसीलिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस के लिए श्रेष्ठ मान कर हर साल इसे मनाने का ऐलान किया गया। आपको बता दें कि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिंदी को विशेष दर्जा दिलवाने में मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, साथ गोविंद दस, काका कालेलकर की अहम भूमिका रही है।

 

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