राज्यपाल ने सोमवार को राजभवन से वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय ( Sampurnanand Sanskrit University of Varanasi ) एवं राष्टीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित हिन्दी दिवस ( Hindi Diwas ) और शिक्षक सम्मान समारोह को सम्बोधित किया। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि हिन्दी सहज और सरल भाषा है। इसे आसानी से सीखा जा सकता है। राज्यपाल ने पूर्ण विश्वास जताते हुए कहा कि वह दिन जल्दी आयेगा, जब हिन्दी को उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम सभी जगह स्वीकार किया जायेगा। उन्होंने हिंदी भाषा से जुड़े अन्य विचार भी रखे।
सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा
राज्यपाल ने कहा कि हिन्दी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। यह जनभाषा है। लेकिन रोजगार प्राप्त करने के लिए अन्य भाषा का विकल्प ढूंढना पड़ता है। वैश्विक जगत में हिन्दी का प्रसार हो रहा है। हिन्दी विश्व में तेजी से बढ रही है। एक सौ से अधिक विश्वविद्यालयों में हिन्दी के केन्द्र हैं। हिन्दी के समाचारपत्र अधिक पढे जाते हैं। हिन्दी तेजी से प्रसारित हो रही है और आगे बढती जा रही है। सन 2021 में 14.05 करोड़ लोग हिन्दी को इन्टरनेट पर पढेगें। देश के प्रधानमंत्रियों ने विश्व मंच पर हिन्दी का मान बढाया है।
भाषा व्यक्ति को जोड़ती है
राज्यपाल ने कहा कि भाषा व्यक्ति को जोड़ती है। भाषा के माध्यम से ही व्यक्ति का परिवार, समाज, गांव, नगर, महानगर, राज्य और देश से जुडाव होता है। हिन्दी सर्वाधिक बोली जाने वाली चौथी भाषा है। हिन्दी मात्र भाषा ही नही है अपितु भारतीय संस्कृति, सभ्यता की सबल संवाहिका है। सांस्कृतिक और आध्यत्मिक उत्कृष्टता के कारण हिन्दी का विश्व में वर्चस्व है। हिन्दी हमारे गौरव का आधार है। हिन्दी सशक्त और जमीन से जोड़ने वाली भाषा है। समारोह को सम्मूर्णानन्द संस्कृत विवि वाराणसी के कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल, कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य, प्रो. हितेन्द्र कुमार मिश्र समेत अन्य से संबोधित किया।