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9 माह में खोल दी जाएगी 7 पॉक्सो कोर्ट

locationजयपुरPublished: Jul 03, 2018 04:59:13 pm

Submitted by:

Shailendra Agarwal

— बीकानेर को छोड़ अन्य संभाग मुख्यालय तथा अलवर व पाली में खोली जाएंगी पॉक्सो कोर्ट— सरकार ने 8 मई को इस बारे में हुए निर्णय की हाईकोर्ट को दी जानकारी
– हिरासत में मौत को लेकर जेल महानिदेशक तलब

pocso court
प्रदेश में बीकानेर को छोड़कर अन्य 5 संभाग मुख्यालयों पर पॉक्सो के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट खोली जाएगी। इनमें से जयपुर में पहले से ही पॉक्सो कोर्ट कार्यरत है। इनके अलावा प्रकरणों की अधिकता को देखते हुए अलवर व पाली में भी पॉक्सो कोर्ट खोलने का निर्णय किया गया है। सभी सात पॉक्सो कोर्ट मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही शुरु हो जाएंगी।
राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में यह जानकारी दी गई है, जो मंगलवार को कोर्ट के रिकॉर्ड पर आ गई। इसके अनुसार राज्य सरकार ने इन न्यायालयों के बारे में 8 मई को निर्णय कर लिया था। न्यायाधीश मनीष भण्डारी व न्यायाधीश दिनेश चन्द्र सोमानी की खण्डपीठ ने मंगलवार को इस मामले में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की याचिका पर सुनवाई 10 जुलाई तक टाल दी। सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया है कि बीकानेर में पॉक्सो के 200 से भी कम मामले हैं, इसलिए वहां अभी पॉक्सो कोर्ट शुरु नहीं होगी। पांच संभाग मुख्यालय तथा पाली व अलवर में नई कोर्ट खुलने के बाद जयपुर सहित 8 जिलों में पॉक्सो कोर्ट शुरु हो जाएंगी। शेष सभी जिलों में पॉक्सो कोर्ट खोलने के लिए हर साल 8 से 9 जिलों का चयन किया जाएगा। सरकार के अनुसार प्रदेश में 11 जिले ऐसे हैं, जहां पॉक्सो के तहत दर्ज मामलों की संख्या 200 से अधिक है। अभी तक जहां पॉक्सो कोर्ट नहीं हैं, वहां इसके दायरे में आने वाले मामलों की एससी—एसटी कोर्ट में सुनवाई की जा रही है।
सरकार की ओर से यह भी बताया गया है कि श्रम न्यायालय व औद्योगिक विवाद निस्तारण अधिकरणों को हाईकोर्ट के अधीन करने के लिए कर्मचारियों से विकल्प मांगा गया, लेकिन किसी कर्मचारी ने हाईकोर्ट के अधीन जाने की इच्छा जाहिर नहीं की है।
हिरासत में मौत को लेकर जेल महानिदेशक तलब
हाईकोर्ट ने जेलों में मौत के मामले में व्यवस्था में सुधार को लेकर जेल महानिदेशक को 9 जुलाई को तलब किया है।
न्यायाधीश के एस झवेरी व न्यायाधीश वी के व्यास की खण्डपीठ ने स्वप्रेरणा से दर्ज याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने हिरासत में मौत के मामले हाईकोर्ट स्तर पर देखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह याचिका दर्ज की थी। इस मामले में न्यायमित्र अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2017—18 में देशभर में जेलों में 1684 मौत हुईं, इनमें से 89 राजस्थान के मामले हैं। केन्द्र सरकार ने हाल ही राज्यसभा में यह जानकारी दी है। कोर्ट ने जानकारी रिकॉर्ड पर लेते हुए जेल महानिदेशक को 9 जुलाई को तलब करते हुए कहा है कि उनकी मौजूदगी में ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में दर्ज याचिका पर दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
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