जयपुर।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मंगलवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की मुलाकात के प्रदेश भाजपा में सरगर्मियां तेज हो गई है। पार्टी ने तय किया है कि संगठन में जातिय समीकरणों को ध्यान रखते हुए दलितों और राजपूतों को विशेष जगह दी जाएगी। भाजपा इन जाति के नेताओं को संगठन में महत्वपूर्ण पद देगी। प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी जल्द ही कार्यकारिणी में विधान सभा चुनाव की जरूरत के हिसाब से फेरबदल करेंगे। सूत्रों की माने तो प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश कार्यकारिणी में बडा बदलाव करने के मूड में नहीं हैं लेकिन अपनी पसंद के चेहरों को शामिल कर सकते हैं, वहीं महामंत्री, उपाध्यक्ष और मंत्री जैसे पदों पर जातीय समीकरणों के हिसाब से नियुक्तियां भी कर सकते है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने एक सप्ताह पहले ही प्रदेश भाजपा की कमान संभाली है। सैनी के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही प्रदेश भाजपा में चर्चाएं शुरू हो गई थी कि वे अब प्रदेश कार्यकारिणी की नई टीम बनाएंगे। मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात में सैनी को कार्यकारिणी में ज्यादा बदलाव करने पर सहमति बनी। सूत्रों की माने तो सैनी कार्यकारिणी में बदलाव तो करेंगे लेकिन विधान सभा चुनाव की जरूरत के हिसाब से ही यह बदलाव होगा। हां इतना जरूर तय माना जा रहा है कि प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ चेहरे उनकी पसंद के होंगे और कुछ को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
पार्टी में चर्चा है कि सैनी महामंत्री, उपाध्यक्ष और मंत्री जैसे पदों पर भी नियुक्तियां करेंगे। इससे पहले कार्यकारिणी में कुछ पदाधिकारियों की अब तक की सक्रियता को जांचा जाएगा और इसी आधार पर निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर कर उनकी जगह नए पदाधिकारी बनाए जाएंगे। हांलाकि यह पूरी कवायद जातीय समीकरण, विधान सभा चुनाव की जरूरत के हिसाब से किया जाएगा जिससे चुनाव से पहले कोई वर्ग नाराज नहीं हो।
मोर्चा प्रकोष्ठ में भी होंगे बदलाव
भाजपा मुख्य कार्यकारिणी के साथ ही कुछ बदलाव मोर्चा और प्रकोष्ठों में भी करेगी। भाजपा और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एक ही जाति के हो गए हैं। एेसे में माना जा रहा है कि युवा मोर्चा समेत एेसे अन्य मोर्चों और प्रकोष्ठों के एेसे अध्यक्ष जो निष्क्रिय रहे हैं। उनको पार्टी हटा सकती है।
भाजपा मुख्य कार्यकारिणी के साथ ही कुछ बदलाव मोर्चा और प्रकोष्ठों में भी करेगी। भाजपा और भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एक ही जाति के हो गए हैं। एेसे में माना जा रहा है कि युवा मोर्चा समेत एेसे अन्य मोर्चों और प्रकोष्ठों के एेसे अध्यक्ष जो निष्क्रिय रहे हैं। उनको पार्टी हटा सकती है।