इन मदों में बढ़ेगा खर्चा
1. करंसी ( रियाल) के उतार चढ़ाव : 650.16
2 कुर्बानी कूपन में बढ़े : 452.25
3 मीना में बेड चार्ज : 2659.23
4 मशाएर में ट्रेन किराया : 2713.50
5 बस किराया : 790.08
कुल : 7265.22
मदीना रिहाइश में 50 रियाल की कमी की गई : 904.50 हाजी को चुकाने होगें : 6360.72 रुपए
अतिरिक्त राशि लेना गैर जिम्मेदारना व्यवहार
हाजी निजामुद्दीन ने बताया कि यह सारे खर्चे हज कमेटी ऑफ इंडिया को पहले ही सऊदी सरकार से वार्ता करके अपनी बकाया रकम में जो लेने चाहिये थे। अब हज यात्री से वापस और अतिरिक्त राशि वसूलना हज कमेटी ऑफ इंडिया के गैर जिम्मेदारना व्यवहार को दर्शाता है। यदि सऊदी सरकार ने इस अतिरिक्त राशि की डिमांड बाद में की है तो उन्हें इस बात से अवगत कराना चाहिए था कि हज यात्रियों से हज की रकम वसूली जा चुकी है। इन अतिरिक्त खर्चों को अगले वर्ष से लागू किया जा सकता है। अब दुबारा से अतिरिक्त रकम वसूलना हज यात्रियों के साथ अन्याय होगा राजस्थान हज वेलफेयर सोसाइटी हज यात्रियों के साथ इस अन्याय का पुरजोर विरोध करती है और तमाम राज्यों की हज कमेटियों से गुजारिश करती है कि हज यात्रियों के साथ हो रहे इस अन्याय का विरोध करे।
अतिरिक्त राशि लेना गैर जिम्मेदारना व्यवहार
हाजी निजामुद्दीन ने बताया कि यह सारे खर्चे हज कमेटी ऑफ इंडिया को पहले ही सऊदी सरकार से वार्ता करके अपनी बकाया रकम में जो लेने चाहिये थे। अब हज यात्री से वापस और अतिरिक्त राशि वसूलना हज कमेटी ऑफ इंडिया के गैर जिम्मेदारना व्यवहार को दर्शाता है। यदि सऊदी सरकार ने इस अतिरिक्त राशि की डिमांड बाद में की है तो उन्हें इस बात से अवगत कराना चाहिए था कि हज यात्रियों से हज की रकम वसूली जा चुकी है। इन अतिरिक्त खर्चों को अगले वर्ष से लागू किया जा सकता है। अब दुबारा से अतिरिक्त रकम वसूलना हज यात्रियों के साथ अन्याय होगा राजस्थान हज वेलफेयर सोसाइटी हज यात्रियों के साथ इस अन्याय का पुरजोर विरोध करती है और तमाम राज्यों की हज कमेटियों से गुजारिश करती है कि हज यात्रियों के साथ हो रहे इस अन्याय का विरोध करे।
इनका यह कहना
हमें इस संदर्भ में कोई भी सूचना स्टेट हज कमेटी को नहीं मिली है। इस पर कुछ भी टिप्पणी किया जाना फिलहाल संभव नहीं है। डॉ. महमूद अली खान, अधिशासी अधिकारी राजस्थान स्टेट हज कमेटी
हमें इस संदर्भ में कोई भी सूचना स्टेट हज कमेटी को नहीं मिली है। इस पर कुछ भी टिप्पणी किया जाना फिलहाल संभव नहीं है। डॉ. महमूद अली खान, अधिशासी अधिकारी राजस्थान स्टेट हज कमेटी