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तिवाड़ी ने अमित शाह को इस्तीफा पत्र में लिखी पूरी ‘मन की बात’, जानें वसुंधरा नेतृत्व पर क्या-क्या लिखा

locationजयपुरPublished: Jun 25, 2018 02:22:54 pm

-घनश्याम तिवाड़ी ने दिया भाजपा से इस्तीफा, वसुंधरा राजे के खिलाफ लगाए आरोप, कहा- दिल्ली ने भी उनके आगे घुटने टेके
 

vasundhara ghanshyam tiwari
जयपुर।
साढ़े चार साल से पार्टी से अलग-थलग चल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी ने आखिरकार चुनाव से एेन पहले पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर ही दी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लगातार अनबन के चलते तिवाड़ी ने पार्टी छोडऩे की घोषणा कर दी। उन्होंने इस सम्बन्ध में अपना पत्र अमित शाह को लिख दिया है। उन्होंने कहा है कि वे अगला चुनाव भारत वाहिनी पार्टी के चुनाव चिह्न पर सांगानेर विधानसभा से लड़ेंगे।

तिवाड़ी ने यहां सोमवार को पत्रकारों को अमित शाह को लिखे पत्र को पढ़ कर सुनाया और अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी। तिवाड़ी ने कहा कि साढ़े चार साल में राजस्थान की जनता को लूटा गया। भ्रष्टाचार बढ़ा। काला कानून लाकर अघोषित आपातकाल लगाने की कोशिश की गई।
उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में आज अघोषित आपातकाल लगा हुआ है। दिल्ली ने वसुंधरा राजे के आगे घुटने टेक दिए हैं। राजस्थान भाजपा एक व्यक्ति की निजी दुकान बन कर रह गई है। मौजूदा सरकार ने राजस्थान को तबाह कर दिया। राजस्थान में भाजपा और वसुंधरा में कोई फर्क नहीं रह गया है। अब वसुंधरा राजे का नेतृत्व हो या नहीं हो, वापस पार्टी में नहीं आऊंगा। तिवाड़ी ने कहा कि उनके मन में पार्टी छोडऩे की पीड़ा है, लेकिन उनके पास अब और कोई रास्ता नहीं बचा है।
देश-प्रदेश में चल रहा अघोषित आपातकाल
तिवाड़ी ने कहा कि राजस्थान में नहीं पूरे देश में जो अघोषित आपातकाल लगा हुआ है, वह घोषित आपातकाल से ज्रूादा खतरनाक है। आपाकाल के बाद यह सुनिश्चित हुआ कि कोई अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण देश में लोकतंत्र का दमन ना कर सके। वर्तमान में अघोषित आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में कोई अहंकारोन्मादी अपनी सत्ता लोलुपता में लोकतांत्रित संस्थाओं का गला ना घोंट सके।

राजस्थान का कदम-कदम पर हुआ अपमान
तिवाड़ी ने अमित शाह को लिखे पत्र में कहा है कि केन्द्र और राज्य में एेतिहासिक बहुमत देने के बाद भी राजस्थान ठगा सा महसूस कर रहा है। राजस्थान सरकार ने केन्द्र के कुछ नेताओं से मिलीभगत कर राजस्थान को चारागाह समझ करर लूटा है। जनता की जेब कतरना और राज्य की सम्पदा पर डाका डाला। कुछ मंत्रियों और अफसरों का यही काम रह गया थाा। दो हजार करोड़ से ज्यादा कीमत के बंगले पर मुख्यमंत्री ने कब्जा कर लिया है। जो समाचार पत्र जनता के हितों के लिए काम कर रहे हैं, उन पर सरेआम आर्थिक और राजनीतिक दमन का तंत्र चलाया गया। एेसा लगता है कि राजस्थान के भ्रष्टाचार के साथ दिल्ली के नेताओं का भी समझौता हुआ है और अब सब ने वसुंधरा राजे के आगे घुटने टेक दिए हैं।

संघ का स्वयं सेवक हूं और रहूंगा
तिवाड़ी ने कहा कि वे संघ में ही जन्मे हैं। उससे जुडऩे के लिए कोई सदस्यता तो चाहिए नहीं। यह तो विचार का जुड़ाव है जो हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा कि वे संघ के स्वयंसेवक हैं और हमेशा रहेंगे।
विधानसभा को नहीं लिखा पत्र
तिवाड़ी ने कहा कि उन्होंने तो अमित शाह को पत्र लिखा है, लेकिन उन्होंने इस्तीफा विधानसभा को नहीं भेजा है। इस बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने तो अपना इस्तीफा दे दिया है। अब भाजपा जाने, उसे क्या करना है।
छह बार विधायक रह चुके हैं तिवाड़ी
तिवाड़ी छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे हैं। वे सबसे पहले १९८० में विधायक बने थे। सीकर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने उनको टिकट दिया था। वहां से वे दो बार विधायक रहे। एक बार चौमूं से विधायक बने। जबकि, २००३ से वे लगातार सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने हैं। वे अब तक कुछ छह बार विधायक रह चुके हैं। एक बार उन्होंने जयपुर लोकसभा से सांसद का भी चुनाव लड़ा, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा।
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