१४-१६ क्षेत्रों पर नहीं बन पा रही राय काफी जद्दोजहद के बाद यह तय किया गया कि जिस विधानसभा क्षेत्र में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी आता है, वहां पर तो सार्वजनिक निर्माण विभाग काम कर सकता है। उसके बाद इन ३२ में से आधी विधानसभाओं में सड़क का काम शुरू हो गया, लेकिन अभी भी बताया जा रहा है कि करीब १४ से १६ विधानसभाएं एेसी हैं, जहां काम करवाने को लेकर कोई नीति तैयार नहीं हो रही। अब स्वायत्त शासन विभाग से वापस वित्त विभाग के अफसरों ने सम्पर्क साधा है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं हो सका है।
जयपुर शहर सबसे ज्यादा प्रभावित
पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा प्रभावित जयपुर है। यहां के आठ विधानसभा क्षेत्रों में १५-१५ किलोमीटर सड़कें बनाने को लेकर कोई नीति तय नहीं हो पाने से मुख्यमंत्री की घोषणा अमल में नहीं लाई ला सकी है। अजमेर शहर, उदयपुर शहर, कोटा शहर, जोधपुर शहर की विधानसभाओं की भी यही हालत है।
वर्जन मुख्यमंत्री ने बजट में घोषणा की थी कि हर विधानसभा क्षेत्र को १५-१५ किमी सड़कें देंगे। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों को तो पैसे दे दिए हैं। शहरी विधानसभाओं को लेकर निर्णय हो रहा है। यह काम स्वायत्त शासन विभाग ही करवाएगा।
– यूनुस खान, सार्वजनिक निर्माण मंत्री