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सडक बन गई फुटबॉल

locationजयपुरPublished: Aug 20, 2018 08:29:11 pm

दो विभागों के बीच फुटबॉल बनी सीएम की सड़क की घोषणा
हर विधानसभा क्षेत्र में बनना है 15किमी मिसिंग लिंक, शहरी क्षेत्र में काम करने को तैयार नहीं पीडब्ल्यूडी, इसी साल बजट भाषण में वसुंधरा राजे ने दी थी सौगात
 

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चेंद्रीमाता मंदिर से राहुद धनगांव तक बनी है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क।


जयपुर. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हर विधानसभा क्षेत्र में १५-१५ किलोमीटर मिसिंग लिंक सड़क देने की घोषणा दो विभागों के बीच फुटबॉल बन गई है। शहरी विधानसभाओं पर आकर सड़क निर्माण अटक गया है। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने नियमों का हवाला देकर शहर में काम करने को मना कर दिया है, वहीं स्वायत्त शासन विभाग भी यह काम करवाने में पूरी तरह से तैयार नहीं दिख रहा।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने १२ फरवरी को बजट में सभी २०० विधानसभा क्षेत्रों में १५-१५ किलोमीटर सड़कें बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद विभाग ने काम तो चालू कर दिया, लेकिन जैसे ही शहरी विधानसभा क्षेत्रों का मामला आया, सार्वजनिक निर्माण विभाग ने कार्यक्षेत्र नहीं होने का हवाला देकर सड़कें बनाने से मना कर दिया। एेसी करीब ३२ विधानसभाएं छांटी गई, जहां विभाग ने काम करने से मना कर दिया। विभाग की ओर से कहा गया कि यह काम स्वायत्त शासन विभाग ही करवाए। इसके बाद मामला वित्त विभाग के पास पहुंचा। यहां से मामला स्वायत्त शासन विभाग के पास पहुंचा, लेकिन सड़क कौन बनाएगा, यह मामला नहीं सुलझा। आखिरकार फाइल वापस सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास चली गई।
१४-१६ क्षेत्रों पर नहीं बन पा रही राय

काफी जद्दोजहद के बाद यह तय किया गया कि जिस विधानसभा क्षेत्र में शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र भी आता है, वहां पर तो सार्वजनिक निर्माण विभाग काम कर सकता है। उसके बाद इन ३२ में से आधी विधानसभाओं में सड़क का काम शुरू हो गया, लेकिन अभी भी बताया जा रहा है कि करीब १४ से १६ विधानसभाएं एेसी हैं, जहां काम करवाने को लेकर कोई नीति तैयार नहीं हो रही। अब स्वायत्त शासन विभाग से वापस वित्त विभाग के अफसरों ने सम्पर्क साधा है, लेकिन अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं हो सका है।
जयपुर शहर सबसे ज्यादा प्रभावित
पूरी प्रक्रिया में सबसे ज्यादा प्रभावित जयपुर है। यहां के आठ विधानसभा क्षेत्रों में १५-१५ किलोमीटर सड़कें बनाने को लेकर कोई नीति तय नहीं हो पाने से मुख्यमंत्री की घोषणा अमल में नहीं लाई ला सकी है। अजमेर शहर, उदयपुर शहर, कोटा शहर, जोधपुर शहर की विधानसभाओं की भी यही हालत है।
वर्जन

मुख्यमंत्री ने बजट में घोषणा की थी कि हर विधानसभा क्षेत्र को १५-१५ किमी सड़कें देंगे। ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों को तो पैसे दे दिए हैं। शहरी विधानसभाओं को लेकर निर्णय हो रहा है। यह काम स्वायत्त शासन विभाग ही करवाएगा।
– यूनुस खान, सार्वजनिक निर्माण मंत्री
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