राजस्थान सरकार के म़़ंत्रियों के लिए मुसीबत बन गई है ये व्यवस्था
जयपुरPublished: Jul 16, 2018 04:29:18 pm
तबादलों को लेकर फिर मंत्री और संसदीय सचिव के बीच तकरार- इस बार मंत्री कालीचरण सराफ से हुई संसदीय सचिव भीमाभाई की नोकझोक- पिछले दिनों शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी और चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर खंडेला में हुई थी बहस
जयपुर प्रदेश में चुनावी साल में तबादलों का दौर जारी है और यह तबादले सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। इन तबादलों के चक्कर में विधायक ही नहीं, मंत्री भी आपस में लड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ दल के मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं की ओर से अपने अपने परिजनोंए रिश्तेदारों व समर्थकों का ट्रांसफर करवाने के लिए जद्दोजहद की जा रही है। ट्रांसफर करवाने के लिए जद्दोजहद की ऐसी ही एक घटना आज प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई जब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री मंत्री कालीचरण सराफ से तबादलों को लेकर सवाल कर रहे संसदीय सचिव भीमाभाई मंत्री ने करारा जवाब दे डाला, जिसे सुनकर पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी सन्न रह गए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ और एक अन्य मंत्री धन सिंह रावत प्रदेश बीजेपी कार्यालय में सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान संसदीय सचिव भीमाभाई भी अपने परिवेदना लेकर यहां पहुंचे। उन्होंने एक पत्र मंत्री कालीचरण सराफ को दिया। मंत्री ने इस पर सरसरी नजर से देखा और उसे साइड में बैठे पीए को दे दिया दिया। इस पर भीमा भाई ने पूछा कि आपने कागज को देखा ही नहीं और साइड में रख दिया। इसके जवाब में चिकित्सा मंत्री ने कहा कि कागज जैसे आता है वैसे ही जाता है। इसकी आपत्ति करने पर सराफ ने कहा कि यहां बीजेपी कार्यालय में भीड़ अधिक है, इसलिए आपके कागज को रख लिया है। बाद में इसको आराम से पढ़ लेंगे। इस बात को लेकर भीमा भाई और मंत्री सराफ में काफी तकरार हुई। भीमा भाई ने कहा कि आपने मेरा बताया एक भी तबादला नहीं किया तो मंत्री ने कहा कि आप झूठ न बोले और मीडिया के सवाने जबरन मामला क्या बना रहे हो। दोनों के बीच मीडिया के कैमरे के समक्ष हुई इस बहस के चलते भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोनों को समझाने का प्रयास में जुट गए। इससे पहले भी पिछले दिनों चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी के घर तबादलों की शिकायतें लेकर पहुंचे थे। जहां पर दोनों मंत्रियों के बीच बन्द कमरे तीखी नोखझोक और बहस हुई थी।