महापौर ने साफ कहा कि गोशाला में जो लाइट्स लगाई जा रही हैं, उनकी बाजार में कीमत 15 से 16 हजार रुपए है, जबकि गोशाला के लिए यह लाइट्स 36 हजार रुपए में खरीदी जा रही है। महापौर ने नाराजगी जताते हुए इस पूरे मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की निर्देश दिए हैं। इन लाइट्स की दरों और गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। गोशाला में 2.60 करोड़ का टेंडर किया गया है, जिसमें 270 लाइट्स का प्रपोजल था। रिक्वारयरमेंट के अनुसार इनकी संख्या में बढ़ोतरी भी की जाएगी। महापौर ने कहा कि उपायुक्त गोशाला ने भी फाइल में अंकित किया था कि गोशाला में तय मापदंडों के अनुसार काम नहीं हो रहा है और मौके पर वही हालात मिले हैं।
मिट्टी में ही दबा रहे थे पोल महापौर के मौका निरीक्षण के दौरान सामने आया कि सोलर लाइट्स के खंभों को मिट्टी में ही दबाया जा रहा था। ज्यादातर खंभे जरा से धक्के से ही हिलते नजर आए। तकनीकी मापदंड मालूम किए गए तो पता चला कि 3 फीट के फाउंडेशन में इन पोल्स को खड़ा किया जाना था, लेकिन फर्म द्वारा बिना फाउंडेशन बनाए ही इनको खड़ा कर दिया गया। इन्हें 3 फीट की गहराई के स्थान पर मात्र डेट फुट ही दबा हुआ पाया गया जो कि जरा सा हिलाने पर ही बाहर आ गए।
मेरे आने से पहले ही सुधर गए हालात महापौर ने बताया कि ये औचक निरीक्षण नहीं रह पाया। गोशाला में सूचना मिल गई थी इसलिए ज्यादातर व्यवस्थाओं को सुधार लिया गया। फिर भी कई जगहों पर अनिमितताएं मिली है। इसे लेकर रिपोर्ट मंगवाई जाएगी।
घर का भेदी लंगा ढहाए गोशाला निरीक्षण से पहले महापौर ने पार्षदों की शिकायत पर मालवीय नगर के गिरधर मार्ग व आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया। कई जगहों पर कचरे के ढेर मिले। अतिक्रमणों पर भी महापौर ने नाराजगी जताई और कई लोगों का चालान करवाया। मगर महापौर ने सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात पर जताया कि उनके आने की सूचना थड़ी-ठेले वालों को पहले ही दे दी गई। जिसकी वजह से मेरे आने से पहले ही सभी निकल गए। कोई घर का भेदी है जो यह सूचनाएं दे रहा है। जल्द ही सूचना देने वालों पर कार्रवाई करेंगे।