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संतान प्राप्ति पर बनवाया था जयपुर का सिद्धि गणेश मंदिर, यहां मूर्ति पर नहीं चढ़ता है सिंदूर का चौला

locationजयपुरPublished: Aug 21, 2017 04:09:00 pm

Submitted by:

dinesh

मंदिर की नींव 1870 में तत्कालीन नगर सेठ पदमसिंह ढड्ढा ने रखी थी…

Ganesha
जयपुर। छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध जयपुर शहर में वैसे तो सैकड़ों मंदिर स्थापित है, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनकी स्थापना के पीछे कोई रोचक घटना जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक मंदिर हैं कुंदीगर भैरूजी का रास्ता, जौहरी बाजार में स्थापित सिद्धि गणेश मंदिर। इस मंदिर की नींव 1870 में तत्कालीन नगर सेठ पदमसिंह ढड्ढा ने रखी थी।
मंदिर के महंत महेन्द्रशंकर गौतम ने बताया नगरसेठ के कोई संतान नहीं थी और उन्होंने पंडित हरदेव भट्ट से अपनी व्यथा सुनाई। भट्ट ने उनसे प़ुत्रेष्ठी यज्ञ करवाया। फलस्वरूप उनको पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई। मनोकामना पूर्ण होने पर प्रसन्न होकर उन्होंने भट्ट को भेंट देनी चाही, लेकिन भट्ट ने नकद धन स्वीकार नहीं कर एक गणेश मंदिर की स्थापना करवाने की बात कही। इस पर ढड्ढा ने कुंदीगर भैरू का रास्ता में हवेलीनुमा मंदिर बनवा कर श्वेत संगमरमर के पाषाण की बहुत की आकर्षक गणेश की प्रतिमा की स्थापना करवाई और यह मंदिर पंडित हरदेव भट्ट को सेवा पूजा के लिए सौंप दिया। आज उनके वंशज इस मंदिर में सेवा पूजा कर रहे हैं।
गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि विराजित
इस मंदिर की खास बात यह है कि इसमें भी गणेश प्रतिमा पर सिंदूर नहीं चढ़ता। गणेश मंदिर के पास ही पदमेश्वर शिव मंदिर की स्थापना करवाई। इसमें शिव परिवार की आकर्षक प्रतिमाएं विराजित हैं। गणेश मंदिर के बारे में ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भक्त कामना लेकर सच्चे मन से 11 बुधवार तक गणेशजी को दुर्वा और मोदक चढ़ाए तो निश्चित तौर पर उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
गणेश चतुर्थी पर मंदिरों में होंगे विशेष आयोजन

प्रथम पूज्य गौरी सुत गजानंद भगवान का जन्मोत्सव 25 अगस्त को धूम-धाम से मनाया जाएगा। जन्मोत्सव को लेकर शहर के गणेश मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे। इसके लिए मंदिरों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं। सूरजपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर में महंत मोहनलाल शर्मा के सान्निध्य में गणेश चतुर्थी पंच दिवसीय महोत्सव आज से शुरू हुआ। सुबह श्रद्धालुओं ने गन्ने के रस से गजानंद का अभिषेक किया। मंगलवार शाम को नवरत्न जडि़त मुकुट धारण करवा कर हीरे-जवाहरात एवं मोतियों से झांकी सजाई जाएगी। बुधवार सुबह गणपति का दुग्धाभिषेक किया जाएगा और शाम को मूंग के मोदकों की झांकी सजाई जाएगी। गुरुवार मध्याह्न 12.15 से शाम 4.15 बजे तक सिद्धि विनायक एवं रिद्धि-सिद्धि का सिंजारा मनाया जाएगा। नूतन पोशाक धारण करवाई जाएगी। शुक्रवार प्रात: 4 से दोपहर 12.15 बजे तक श्री सिद्धि विनायक का भक्तों की ओर से दुग्धाभिषेक किया जाएगा। इसके बाद नवीन पोशाक धारण करवा कर सुगंधित पुष्पों से शृंगार किया जाएगा
ब्रह्मपुरी स्थित नहर के गणेशजी के मंदिर में तीन दिवसीय गणेशोत्सव के तहत रविवार को अभिषेक किया गया। आज और कल गणेशजी के चौला चढ़ाया जाएगा। दो दिन तक मंदिर के पट मंगल रहेंगे। श्रद्धालु बाहर रखे ?गणेशजी के चित्र के दर्शन कर सकेंगे। कनक घाटी स्थित गोविंददेवजी के मातहत गणेश मंदिर में शुक्रवार को महंत अंजनकुमार गोस्वामी के सान्निध्य में गणेशोत्सव धूम धाम के साथ मनाया जाएगा। मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया इस मौके पर मंदिर को फूलों, रंगीन रोशनी और बांदरवालों से सजाया जाएगा। सुबह 5 बले अभिषेक के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा।
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