कहते हैं कि खेल धीरे-धीरे स्वीडन, जर्मनी, नीदरलैंड और स्विटजरलैंड जैसे कुछ अन्य यूरोपीय देशों में बढ़ रहा है। स्टफड सिर वाले अपने स्वयं के लकड़ी के घोड़े बनाने में लोग दर्जनों घंटे बिताते हैं। सोशल मीडिया का इसे फैलाने मेें बहुत बड़ा हाथ है। जैसे हॉबीहॉर्स की शौकीन आरनियोमकी नामक एक लड़की अपने हाथ से सिले हॉबीहॉर्स और राइडिंग वीडियो के लिए ऑनलाइन दुनिया में एक सेलिब्रिटी हैं, लेकिन कुछ वर्ष पहले तक वे अपने सहपाठियों को इसके बारे में बताने से आशंकित थीं। जब वह 12 साल की थी, तो कुछ दोस्तों ने उन्हें अपने स्कूल के पास खाली जंगल में प्रैक्टिस करने करते हुए देखा और एक ‘बच्चे का खेल’ खेलने के लिए उन्हें छेड़ा। कहा गया कि यह बहुत छोटे बच्चों का खेल है लेकिन अब, ऐसा नहीं है। हालांकि, लड़कों में यह बहुत कम देखने को मिला है।
यह कहना मुश्किल है कि लड़कियों की फिनिश आबादी में हॉबीहॉर्स का क्रेज कब शुरू हुआ क्योंकि व्यापक रूप से इस क्रेज का पता चलने से पहले भी यह खेला जाता रहा था। किशोर लड़कियों ने हॉबीहॉर्स को साध कर चलने का एक नया रूप ईजाद किया था, जिसमें सवार का निचला शरीर घोड़े की तरह उछलता और सरपट दौड़ता था, जबकि उसका ऊपरी शरीर सवार की तरह सीधा और स्थिर रहता था। यह कोच और छात्रों और प्रतियोगिताओं के विस्तृत नेटवर्क में विकसित हुआ। एक असली घोड़े और उसके सवार की तरह, हॉबीहॉर्स और उसके मालिक एक टीम बनाते हैं। घोड़े को साध कर करतब दिखाने और जम्पिंग करने जैसी पारम्परिक घुड़सवारी प्रतियोगिताएं इसमें शामिल हैं और शारीरिक रूप से काफी डिमांडिंग गेम है।
हॉबीहॉर्स के अधिकांश हॉर्स होममेड होते हैं जो इवेंट और सोशल मीडिया के जरिए मालिकों की ओर से आपस में बदले और बेचे जाते हैं। उनमें से कुछ को ऑक्शन में कुछ सौ डॉलर कमाने का भी मौका मिला है। हालांकि, कोई आधिकारिक आंकड़े मौजूद नहीं हैं क्योंकि हॉबी-हॉर्सिंग का फिनिश खेल संघों से कोई जुड़ाव नहीं है और उत्साही लोग मुख्य रूप से वेब टॉक फोरम पर मिलते हैं और विचारों का आदान-प्रदान करते हैं और इंस्टाग्राम और यूट्यूब के माध्यम से फोटो सामग्री और वीडियो साझा करते हैं। क्षेत्रीय प्रतियोगिता के आयोजन पूरे फिनलैंड में वालंटियर करते हैं और हर साल राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में इनका समापन होता है।