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Holashtak 2021 : जानें कब से लग रहे हैं होलाष्टक? भूलकर भी नहीं करें ये मांगलिक कार्य

locationजयपुरPublished: Mar 20, 2021 01:19:11 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

भगवान विष्णु की आराधना करना रहेगा बेहतर

जयपुर। मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए पूर्णतया वर्जित माने जाने वाले होलाष्टक की शुरुआत रविवार से होगी। इस बीच शुक्र का तारा अस्त होने और मीन मलमास लगने से होलाष्टक के बाद भी एक महीने तक शुभ कार्य नहीं होंगे। रविवार सुबह 7.11 बजे से होलाष्टक शुरू होगा, जो 28 मार्च तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य पं.घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि रविवार को सूर्य भूमध्य रेखा पर होगा। इससे दिन और रात बराबर रहेंगे। यानी दोनों ही 12-12 घंटे के होंगे। इसे वसंत सम्पात भी कहा जाता है। आज दोपहर 3.07 बजे से सूर्य शायन मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही सूर्य उत्तरी गोलाद्र्ध में प्रवेश कर जाएगा। सूर्य के उत्तरी गोलाद्र्ध परिवर्तन के बाद से सोमवार से दिन बड़े और रातें छोटी होना शुरू होंगी।
मौसम के साथ शरीर में भी होते हैं बदलाव
स्वर्णकार ने बताया कि इन दिनों में मौसम में बदलाव के साथ कई बदलाव भी होते हैं। होलाष्टक के दौरान वातावरण में हानिकारक वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। सर्दी से गर्मी की ओर जाते हुए इस मौसम में शरीर पर सूर्य की पराबैंगनी किरणें विप‍रीत असर डालती हैं। होलिका दहन पर जो अग्नि निकलती है, वो शरीर के साथ-साथ आस-पास के कीटाणु और नकारात्‍मक ऊर्जा को खत्म कर देती है।
इन कामों को करना माना गया वर्जित

होली से पहले होलाष्टक आठ दिन के होते हैं। रविवार को सप्तमी तिथि की वृद्धि होने से सुबह 7.11 बजे अष्टमी तिथि प्रारंभ लग जाएगी। इस कारण से होलाष्टक इस दिन शुरू होंगे। होलाष्टक में मांगलिक कार्य, नए घर में प्रवेश, शादी, मुंडन, नए व्यापार की शुरुआत बिल्कुल न करें। होलाष्टक में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी रहेगा। इसके साथ ही श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करें।
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