मौसम के साथ शरीर में भी होते हैं बदलाव
स्वर्णकार ने बताया कि इन दिनों में मौसम में बदलाव के साथ कई बदलाव भी होते हैं। होलाष्टक के दौरान वातावरण में हानिकारक वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। सर्दी से गर्मी की ओर जाते हुए इस मौसम में शरीर पर सूर्य की पराबैंगनी किरणें विपरीत असर डालती हैं। होलिका दहन पर जो अग्नि निकलती है, वो शरीर के साथ-साथ आस-पास के कीटाणु और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देती है।
स्वर्णकार ने बताया कि इन दिनों में मौसम में बदलाव के साथ कई बदलाव भी होते हैं। होलाष्टक के दौरान वातावरण में हानिकारक वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। सर्दी से गर्मी की ओर जाते हुए इस मौसम में शरीर पर सूर्य की पराबैंगनी किरणें विपरीत असर डालती हैं। होलिका दहन पर जो अग्नि निकलती है, वो शरीर के साथ-साथ आस-पास के कीटाणु और नकारात्मक ऊर्जा को खत्म कर देती है।
इन कामों को करना माना गया वर्जित होली से पहले होलाष्टक आठ दिन के होते हैं। रविवार को सप्तमी तिथि की वृद्धि होने से सुबह 7.11 बजे अष्टमी तिथि प्रारंभ लग जाएगी। इस कारण से होलाष्टक इस दिन शुरू होंगे। होलाष्टक में मांगलिक कार्य, नए घर में प्रवेश, शादी, मुंडन, नए व्यापार की शुरुआत बिल्कुल न करें। होलाष्टक में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना विशेष फलदायी रहेगा। इसके साथ ही श्रीसूक्त व मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करें।