परकोटे में हर त्योहार की रंगत देखते ही बनती है। होली पर भी यहां के बाजारों में ग्राहक खरीददारी के लिए उमड़ रहे हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से ग्राहक बच्चों के साथ खरीदारी करने परकोटा के बाजारों में पहुंच रहे हैं। यही वजह है कि बीते एक सप्ताह से परकोटा में चहल-पहल भी बढ़ गई है। आने वाले दो दिन में यह आवाजाही और बढ़ेगी।
फैक्ट फाइल – 15 – 2500 रुपए प्रतिकिलो तक की पिचकारी मिल रही बाजार में
– 1500 – 2000 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है रंग इस बार
– 60 – 100 रुपए प्रतिकिलो की कीमत है गुलाल की बाजार में
– 1500 – 2000 रुपए प्रतिकिलो मिल रहा है रंग इस बार
– 60 – 100 रुपए प्रतिकिलो की कीमत है गुलाल की बाजार में
ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे इस बार रंगों से लेकर पिचकारियों पर जीएसटी की मार है। हालांकि इससे बाजार पर कोई असर पड़ता दिख नहीं रहा है। जीएसटी लगने से पिचकारी और रंगों की कीमतों में 20 से 25 फीसदी तक का उछाल आया है। बच्चों को अपनी पसंदीदा पिचकारी खरीदते हुए देखा जा सकता है। पिचकारी पर 12 और इलेक्ट्रिक पिचकारी पर 18 फीसदी है।
कॉलोनियों-मोहल्लों में भी सज गई दुकानें होली की तैयारियां मुख्य बाजार से लेकर कॉलोनियों तक में दिख रही है। कॉलोनियों में भी सीजनल दुकानें सज गईं हैं। ऐसे में घर के बाहर ही लोगों को खरीदारी का ऑप्शन मिल रहे हैं। ब्रह्मपुरी में बीते कई सालों से होली की दुकान लगा रहे रमेश शर्मा कहते हैं कि त्योहार पर अच्छी खासी बिक्री हो जाती है।
पुष्पेंद्र खंडेलवाल, सीए ने बताया की पहले रंगों को टैक्स से बाहर रखा गया था। इस बार इस पर 12 फीसदी टैक्स है। वहीं पिचकारी पर 12 और इलेक्ट्रिक पिचकारी पर 18 फीसदी जीएसटी है। इसके अलावा पिछले साल की तुलना में पांच से सात फीसदी तक की महंगाई में भी बढ़ोतरी हुई है।
पवन मदान, दुकानदार ने कहा की पिचकारियों में ऑप्शन की कोई कमी नहीं है। कॉर्टून करैक्टर की पिचकारी बच्चे सबसे ज्यादा पंसद कर रहे हैं। आजकल पीठ टंकी रखकर पिचकारी चलाने का क्रेज है। पांच साल से अधिक उम्र के बच्चे इसी को खरीदना पसंद कर रहे हैं।