— गोधुली वेला में होगा इस बार होलिका दहन, भद्रा का साया नहीं
— होली का त्योहार कल, रंगों का त्योहार धुलंडी 29 को
— मानस योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग में होगा होलिका दहन
— कोरोना गाइडलाइन की करनी होगी पालना
— होली का त्योहार कल, रंगों का त्योहार धुलंडी 29 को
— मानस योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग में होगा होलिका दहन
— कोरोना गाइडलाइन की करनी होगी पालना
जयपुर। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा (Falgun Shukla Purnima) पर 28 मार्च को होली का त्योहार (Holi festival) मनाया जाएगा। इस दिन गोधुली वेला में होलिका दहन (Holika Dahan Godhuli Vela) होगा। इस बार गोधुली वेला में भद्रा का साया नहीं होगा। गोधुली वेला में मानस योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग रहेगा। ऐसे में होलिका दहन श्रेष्ठता दायक होगी। वहीं अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा पर 29 मार्च को रंगों का त्योहार धुलंडी मनाई जाएगी। हालांकि इस बार लोगों को होलिका दहन और धुलंडी पर कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी होगी। जयपुर में होलिका दहन शाम 6 बजकर 38 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक करना सर्वेश्रेष्ठ रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 28 मार्च को सूर्योदय से पहले तड़के 3 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो जाएगी, जो मध्यरात्रि 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना शास्त्रोक्त बताया गया है। इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 28 मार्च को है। इस दिन भद्रा दोपहर एक बजकर 52 मिनट तक रहेगी। ऐसे में गोधुली वेला में पूर्णिमा भद्रा से मुक्त है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि इस साल होली पर कई विशेष योग बन रहे हैं, जिससे होली के त्योहार का महत्व और बढ़ जाएगा। इस दिन गोधुली वेला में मानस योग, सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग बनेगा। इस दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा। इसके अलावा दो सबसे बड़े ग्रह शनि और गुरु होली के दिन मकर राशि में विराजमान रहेंगे। वहीं शुक्र और सूर्य दोनों मीन राशि में रहेंगे। मंगल और राहु वृषभ राशि में, बुध कुंभ राशि और केतु वृश्चिक राशि में विराजमान रहेंगे।
होली के दिन शुभ संयोग
सर्वार्थसिद्धि योग — सम्पूर्ण दिन—रात
अमृतसिद्धि योग — शाम 5.36 बजे शुरू होगा, जो अगले दिन सूर्योदय तक
मानस योग — शाम 5.36 बजे शुरू होगा गणगौर पूजन होगा शुरू
ज्योतिषाचार्य पं. शंकर शर्मा ने बताया कि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा पर गणगौर पूजा शुरू होगी, कन्याएं और नवविवाहिताएं ईसर—गणगौर का पूजन करना शुरू करेंगी। 15 अप्रेल तक गणगौर पूजन चलेगा, इस दिन गौरी तृतीया रहेगी। इससे एक दिन पहले 14 अप्रेल को गणगौर का सिंजार मनाया जाएगा।
सर्वार्थसिद्धि योग — सम्पूर्ण दिन—रात
अमृतसिद्धि योग — शाम 5.36 बजे शुरू होगा, जो अगले दिन सूर्योदय तक
मानस योग — शाम 5.36 बजे शुरू होगा गणगौर पूजन होगा शुरू
ज्योतिषाचार्य पं. शंकर शर्मा ने बताया कि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा पर गणगौर पूजा शुरू होगी, कन्याएं और नवविवाहिताएं ईसर—गणगौर का पूजन करना शुरू करेंगी। 15 अप्रेल तक गणगौर पूजन चलेगा, इस दिन गौरी तृतीया रहेगी। इससे एक दिन पहले 14 अप्रेल को गणगौर का सिंजार मनाया जाएगा।