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छोटी काशी में आज रोपेंगे होली का डांडा, फागोत्सव की मचेगी धूम

locationजयपुरPublished: Feb 27, 2021 02:00:54 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

बद्रीनाथ जी का चौक में विधि-विधान से रोपा जाएगा डांडागोविंद देव जी मंदिर में होने वाले फागोत्सव कार्यक्रम पर संशय

छोटी काशी में आज रोपेंगे होली का डांडा, फागोत्सव की मचेगी धूम

file photo@Govinddev ji temple

जयपुर। रविवार से त्रिपुष्कर और सर्वार्थसिद्धि योग में फाल्गुन मास की शुरुआत होगी। पुरानी परंपरा के अनुसार होली से एक माह पूर्व रोपे जाने वाला होली का डांडा माघ पूर्णिमा को आज शाम को रोपा जाएगा। आर्य संस्कृति दिग्दर्शक ट्रस्ट की ओर से पंडित विजय शंकर पांडे की मौजूदगी में चांदपोल बाजार बद्रीनाथ जी का चौक में शाम छह बजे विधि-विधान पूर्वक डांडा रोपा जाएगा। सिटी पैलेस सहित कई जगहों पर डांडा रोपण किया जाएगा। बद्रीनाथ जी का चौक में गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी, महंत अलबेली माधुरी शरण डांडा पूजन करेंगे। इस मौके पर ढप और चंग के साथ कार्यक्रम होगा। कोरोना के चलते इस बार शहर आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में होने वाले फ ागोत्सव कार्यक्रम पर संशय है। यहां सर्वधर्म के कलाकार गोविंद के दरबार में फागोत्सव कार्यक्रमों में प्रस्तुति देते थे। गोविंद देव जी मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि कार्यक्रमों को लेकर तीन मार्च को निर्णय लिया जाएगा।
फूलों की होली जाएगी खेली

फाल्गुन माह में छोटी काशी में फ ागोत्सव की धूम शुरू हो जाएगी। गली-मोहल्लों में चंग की थाप के साथ होली के गीत गाए जाएंगे। इसके साथ ही मंदिरों में विशेष फागोत्सव कार्यक्रम के तहत फ ूलों की होली खेली जाएगी। साथ ही गुलाल लगाई जाएगी। होलिका दहन 28 मार्च और धुलंडी का पर्व 29 मार्च को मनाया जाएगा।
बड़े फागोत्सव कार्यक्रम पर संशय
ज्योतिषाचार्य पंडित घनश्याम लाल स्वर्णकार ने बताया कि फाल्गुन मास में फुलेरा दोज, महाशिवरात्रि के अलावा कई ग्रहों के राशि परिवर्तन खास होंगे। 21 मार्च से 28 मार्च तक होलाष्टक रहेंगे। जिसमें शुभ कार्य पूर्णतया वर्जित रहेंगे। स्वर्णकार ने बताया कि जिस स्थान पर होली का दहन होता है। वहां एक बड़ा सा डांडा लगाया जाता है। यह डांडा भक्त प्रहलाद का प्रतीक होता है। कोरोना के चलते इस बार अन्य बड़े मंदिरों में सीमित भक्तों की संख्या में सरकारी दिशा-निर्देशों की पालना के साथ फ ागोत्सव के कार्यक्रम होंगे। वहींं इस्कॉन, अक्षरधाम मंदिर व अक्षयपात्र मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रूपरेखा तय की जा रही है।
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