जया शर्मा / जयपुर . वीडियो कंट्रोलर, वाई-फाई स्विच, डीमर, एलपीजी डिटेक्टर, डिजिटल लॉक्स, टैब कंट्रोलर और म्यूजिक इंटीग्रेशन सहित जयपुर में ऐसे कई गैजेट्स का यूज हो रहा है, जिनसे घरों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। शहर में होम ऑटोमेशन और सिक्योरिटी को लेकर लगातार इनोवेशन हो रहे हैं। पिछले दो सालों में होम ऑटोमेशन और सिक्योरिटी का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। आप किसी दूसरी जगह बैठे-बैठे अपने घर की लाइट, नॉब, लॉक्स और गैस सिलेंडर तक ऑन-ऑफ कर सकते हैं।
ईजी टू एक्सेस एक स्मार्ट होम सॉल्यूशन फर्म के प्रोजेक्ट सेल्स हैड अमित भार्गव बताते हैं कि इन दिनों वीडियो कंट्रोलर गैजेट्स भी काफी यूज में लिए जा रहे हैं। सिक्योरिटी अलार्म सिस्टम से भी घर को स्मार्ट बनाया जा रहा है। एक्सपर्ट दीपक गुरनानी बताते हैं कि शहर में सिक्योरिटी मार्केट पिछले पांच सालों में 400 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
सेमी आॅटोमेशन का 25 हजार रुपए तक प्रति रूम खर्चा आता है। वहीं रेट्रोफिट ऑटोमेशन पर
30 हजार रुपए तक प्रति रूम खर्चा आता है
नैचुरल रिसोर्स का होता है बचाव इंटीरियर डिजाइनर अनु सोगानी बताती हैं कि होम ऑटोमेशन से नैचुरल रिसोर्सेज का भी बचाव होता है। आप एक ही स्विच पैनल से अपने रूम के इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को कंट्रोल कर सकते हैं। इसके अलावा एक एरिया के हिसाब से लाइट और रूम के टेम्प्रेचर को निर्धारित किया जा सकता है।
मूड में कन्वर्ट हो जाता है रूम
वैशाली नगर निवासी आशीष जैन बताते हैं कि होम ऑटोमेशन के जरिए घर को संचालित करना बहुत ईजी हो गया है। अक्सर हम लाइट्स के लिए स्विच खोजते रहते थे, लेकिन अब घर के मेंबर्स मोबाइल से ही लाइट्स और कर्टन्स हैंडल कर सकते हैं। इसके अलावा रूम को कॉफी , वेलकम, रिलेक्स और गुडबाय मूड करना भी मोबाइल से संभव हुआ है।
वैशाली नगर निवासी आशीष जैन बताते हैं कि होम ऑटोमेशन के जरिए घर को संचालित करना बहुत ईजी हो गया है। अक्सर हम लाइट्स के लिए स्विच खोजते रहते थे, लेकिन अब घर के मेंबर्स मोबाइल से ही लाइट्स और कर्टन्स हैंडल कर सकते हैं। इसके अलावा रूम को कॉफी , वेलकम, रिलेक्स और गुडबाय मूड करना भी मोबाइल से संभव हुआ है।