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घर की रंगत का असर

locationजयपुरPublished: Aug 19, 2020 03:12:58 pm

Submitted by:

Kiran Kaur

आशियाने के रंग, रोशनी और इंडोर प्लांट्स करते हैं दिमाग को प्रभावित।

एक्सपर्ट मानते हैं कि रंग और रोशनियों के सिद्धांत हमारे दिमाग को प्रभावित करते हैं। हल्का रंग होने पर आपको कोई जगह खुली-खुली महसूस होती है जबकि गहरा रंग होने पर बंद-बंद लगता है। इसी तरह घर की कई चीजें हमारे दिमाग पर असर डालती हैं।
पेंट कराते समय सावधानी से चुनें रंग: इस बात के कई प्रमाण हैं कि घर में जो रंग आप रोजाना देखते हैं उससे मूड, व्यवहार और तनाव का स्तर प्रभावित होता है। घर के रंग और आपके भावनात्मक व्यवहार के बीच प्रत्यक्ष संबंध है। यही वजह है कि पेंट कराते समय किचन से लेकर बेडरूम तक के लिए सावधानी से रंग चुनना चाहिए।
फर्नीचर से लेकर कारपेट भी था ग्रे: अमरीकी इंटीरियर डिजाइनर कोरे डेमेन जेनकिंस के अनुसार कई साल पहले उनके पास एक क्लाइंट आईं और बताया कि जब भी ऑफिस से घर लौटती हैं तो तनाव महसूस करती हैं। कोरे उनके घर गए तो पाया कि फर्नीचर, कारपेट, दीवारें, हर चीज का रंग ग्रे था। यही उनके दिमाग को प्रभावित कर रहा था।कोरे के अनुसार मिशिगन में जहां सर्दियों के दिनों में धूप भी कम ही आती हो, ऐसे में उनके घर को खास रंगत देने के लिए डार्क येलो और नेवी ब्लू रंग को चुना गया। इसी का नतीजा था कि कुछ दिनों बाद क्लाइंट ने बताया कि उनके तनाव में काफी कमी आई है।
रोशनी को भीतर आने दें: अध्ययनों में यह पाया गया है कि डार्क पेंट वाले कमरों में रहने से मूड पर नकारात्मक असर पड़ता है। हमें अपने जीवन को खुशनुमा बनाने के लिए सनशाइन की जरूरत होती है इसलिए सुबह के समय घर के दरवाजों, खिड़कियों और पर्दों आदि को खोल देना चाहिए।
गलत जगह पर रखा हुआ फर्नीचर: गलत जगह पर रखा हुआ फर्नीचर भी दिमाग पर असर डालता है। इसकी वजह से आप कई बार ठीक तरह से सोच नहीं पाते और एकाग्रता में भी कमी आती है क्योंकि ध्यान अक्सर उस पर ही जाता रहता है। फर्नीचर को सही जगह रखकर घर में स्पेस बनाएं। इससे आपका आशियाना व्यवस्थित लगेगा।
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