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मेरिट में टॉप रहे नर्सेज के लिए गृह जिला अभी दूर- Nurses In Trouble

locationजयपुरPublished: Sep 15, 2021 07:44:14 pm

Submitted by:

Tasneem Khan

– नर्सेज भर्ती 2018 का मामला- डेढ़ साल में भी सरकार ने मेरिट पर नहीं दिया पदस्थापन

Home district is still far away for the nurses who are top in merit

Home district is still far away for the nurses who are top in merit

Jaipur नर्सेज भर्ती 2018 में चयनित नर्सेज (Nurses) को नियुक्ति के डेढ़ साल बाद भी मेरिट पर पदस्थापन देने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम रहा है। अधिकारी इतने व्यस्त हैं कि डेढ़ सालों में 12 हजार नर्सेज की मेरिट के मुताबिक लिस्ट जारी नहीं कर पाए हैं। इसका खामियाजा मेरिट के टॉप नर्सेज को उठाना पड़ रहा है। नियमानुसार टॉप अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में पदस्थापन दिया जाता है, जबकि मेरिट में टॉप रही चूरू जिले की मीनाक्षी आज भी जयपुर जिले में काम करने का मजबूर है। ऐसे ही सभी नर्सेज को अपने गृह जिलों में पदस्थापन का इंतजार है। जबकि निचली मेरिट में रहे अभ्यर्थियों को उनके गृह जिले में ही नौकरी करने का मौका दिया गया है। पदस्थापन में इस गड़बड़ी को लेकर नर्सेज ने कई बार आपत्ति जताई, लेकिन विभाग इनकी सुनवाई नहीं कर रहा है।
संविदाकर्मियों को नुकसान
नर्सेज भर्ती 2018 में 12 हजार नर्सेज का चयन किया गया था। इनमें से 3 हजार पहले से संविदा पर काम कर रहे थे। 28 अप्रेल 2020 को इस भर्ती की नियुक्ति की गई। इनमें से 3 हजार संविदाकर्मियों को नियुक्ति देने की बजाय वहीं काम करने को कहा गया, जहां वे संविदा पर कार्यरत थे। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना का हवाला देते हुए इनकी नियुक्ति को टाल दिया। फिर अगस्त में उन्हें नियुक्ति दी गई, ऐसे में उन्हें पदस्थापन भी नहीं मिला और वे अपने ही बैच के नर्सेज से चार महीने जूनियर हो गए।
हाइकोर्ट ने माना नियुक्ति तिथि एक हो
संविदाकर्मियों की नियुक्ति 28 अप्रेल से ही सरकार ने नहीं मानी तो अभ्यर्थियों ने कोर्ट से मदद ली। 14 सितंबर 2021 को हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि 2018 के भर्ती के सभी नर्सेज की नियुक्ति तिथि एक ही मानते हुए उन्हें नोशनल का लाभ दें। एक ही भर्ती में उन्हें चार माह जूनियर नहीं माना जा सकता। इसके दो दिन बाद भी स्वास्थ्य विभाग ने नियुक्ति को एक ही मानने के कोई आदेश जारी नहीं किए हैं।
इनका कहना है
पदस्थापन को लेकर निदेशालय ने 2 अगस्त को अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है। इससे नर्सेज में रोष है। नर्सेज गृह जिलों से दूर काम करने को मजबूर हैं। नियमानुसार मेरिट के आधार पर उन्हें जिले अलॉट होने हैं।
मनोज दुब्बी, संयोजक, राज. नर्सेज भर्ती 2018 संघर्ष समिति
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