ये है मामला
मुंबई के कांदिवली आश्रम से महाराज कल्पवृक्ष गिरी, सुशील गिरी और ड्राईवर नीलेश तेलगडेे सूरत में एक संत के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। पालघर सीमा पर पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। इसके बाद संतों ने दाभाडी-खानवेल मार्ग पर गडचिंचले गांव के रास्ते सूरत जाने की योजना बनाई। इसी दौरान ग्रामीणों की भीड़ ने रोक कर इनकी पिटाई की, जिसमें तीनों की मौत हो गई।
मुंबई के कांदिवली आश्रम से महाराज कल्पवृक्ष गिरी, सुशील गिरी और ड्राईवर नीलेश तेलगडेे सूरत में एक संत के अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। पालघर सीमा पर पुलिस ने उन्हें आगे जाने से रोक दिया। इसके बाद संतों ने दाभाडी-खानवेल मार्ग पर गडचिंचले गांव के रास्ते सूरत जाने की योजना बनाई। इसी दौरान ग्रामीणों की भीड़ ने रोक कर इनकी पिटाई की, जिसमें तीनों की मौत हो गई।
तो आंदोलन होगा
साधुओं की हत्या के मामले में संत समाज में गुस्सा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी है। महंत ने कहा कि संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो लॉकडाउन के बाद साधु-संत महाराष्ट्र कूच करेंगे। विलेपार्ले संन्यास आश्रम के स्वामी विश्वरानंद गिरी ने भी घटना की निंदा की है।
साधुओं की हत्या के मामले में संत समाज में गुस्सा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी है। महंत ने कहा कि संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो लॉकडाउन के बाद साधु-संत महाराष्ट्र कूच करेंगे। विलेपार्ले संन्यास आश्रम के स्वामी विश्वरानंद गिरी ने भी घटना की निंदा की है।