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बाढ़ प्रभावित इलाकों का बुरा हाल, 25 दिन बाद भी बाढ़ के पानी में डूबे हैं आशियाने

locationजयपुरPublished: Aug 21, 2017 09:25:00 am

Submitted by:

Abhishek Pareek

जालोर के हाड़ेचा कस्बे के 100 से अधिक घर 25 दिन बाद भी चार से पांच फीट तक बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं।

Flood Water
श्रवण विश्नोई/ हाड़ेचा (जालोर)। पिछले दिनों आई बाढ़ प्रभावित इलाकों का हाल अब भी बुरा है। लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई, नेताओं के दौरे भी हुए, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। जालोर के हाड़ेचा कस्बे के 100 से अधिक घर 25 दिन बाद भी चार से पांच फीट तक बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। कई घर पानी के कारण बिखर गए हैं और लोग सरकारी स्कूलों व अन्य स्थानों पर शरण ले रखी है। लेकिन प्रशासन की ओर से पानी निकासी के कोई विशेष प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूर्व में प्रशासन ने खेतों की माठ को तोड़कर पानी निकासी के प्रयास किए थे। जिसके बाद दो फीट तक पानी की निकासी भी हुई, लेकिन बाद में पानी की निकासी बंद हो गई।
कलक्टर ने भी किया था दौरा
कस्बे के वार्ड पांच, छह, सात, आठ व नौ में कई घर पानी से डूबे होने पर कलक्टर एलएन सोनी ने भी गत दिनों यहां पहुंचकर मौका मुआयना किया था। साथ ही अधिकारियों को पानी निकासी के निर्देश भी दिए थे, लेकिन अब तक हालात सुधर नहीं पाए हैं।
जरूरी सामान ही निकाल पाए बाहर
ग्रामीणों ने बताया कि घरों में पानी घुस जाने के बाद वे जरूरी सामान ही बाहर निकाल पाए हैं। वहीं दूसरे घरों में मजबूरीवश आसरा लिए हुए हैं। पानी के कारण घरों में रखे कपड़े, बर्तन, अनाज व चारा सहित लगभग सारा सामान खराब हो गया। मवेशियों का ठिकाना नहीं रहा। मच्छर पनपने से बीमारी का खतरा है।
ग्रामीणों ने कहा-बूस्टर लगे तो मिले निजात…
ग्रामीणों ने बताया कि अगर प्रशासन की ओर से यहां बूस्टर लगाए जाते हैं तो पानी की निकासी हो सकती है, लेकिन अब तक यहां बूस्टरों की व्यवस्था नहीं की गई है। हाड़ेचा निवासी गृहणी दरिया देवी का कहना है कि घरों में पानी घुसने से कच्चे मकान बिखर गए हैं और पूरा सामान पानी में बह गया।
प्रशासन की ओर से पूर्व में थोड़ा बहुत प्रयास किया गया था। जिसके बाद दो फीट पानी उतरा था, लेकिन अभी भी पानी भरा पड़ा है।
– राजाराम पुरोहित, ग्रामीण, हाड़ेचा।

पानी निकासी के लिए पूर्व में काफी प्रयास किए थे। फिलहाल घरों से पानी निकासी को लेकर कोई रास्ता दिख नहीं रहा है। समस्या समाधान के लिए अब पंचायत स्तर पर प्रयास करेंगे।
– करणसिंह राजपूत, सरपंच, हाड़ेचा।
बिखर गए आशियाने
पानी के बहाव के चलते घर बिखर गया। खुले आसमान तले जीवन यापन कर रहे हैं। सरकारी सहायता भी नहीं मिली।
– उकाराम मोदी, ग्रामीण, हाड़ेचा।

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