पन्द्रह – बीस मिनट किया इंतेजार
संतोष देवी ने बताया कि बुधवार सुबह 9 बजे वह गणगौरी बाजार स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में खुद को दिखाने आई थी। अस्पताल में काफी भीड़ थी और वह लाइन में लग कर पर्ची बनवा रही थी कि तभी उनकी निगाह नीचे पड़ी तो वहां रूपये पड़े थे। जिन्हें उठाकर संतोष साइड में खड़ी हो गई। पन्द्रह – बीस मिनट तक वह ये देखती रही कि यदि कोई रूपये तलाशता दिखता है तो वह उसे रूपये लौटा देंगी।
संतोष देवी ने बताया कि बुधवार सुबह 9 बजे वह गणगौरी बाजार स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में खुद को दिखाने आई थी। अस्पताल में काफी भीड़ थी और वह लाइन में लग कर पर्ची बनवा रही थी कि तभी उनकी निगाह नीचे पड़ी तो वहां रूपये पड़े थे। जिन्हें उठाकर संतोष साइड में खड़ी हो गई। पन्द्रह – बीस मिनट तक वह ये देखती रही कि यदि कोई रूपये तलाशता दिखता है तो वह उसे रूपये लौटा देंगी।
ईमानदारी की हुई जमकर तारीफ
लेकिन जब संतोष को ऐसा लगा कि यहां कोई अपने रूपये नहीं तलाश रहा तो उन्होंने पास ही मौजूद गार्ड हरीसिंह को रूपये सौंप दिये और कहा कि कोई रूपये तलाश करता दिखे तो उसे ये रूपये लौटा देना। गार्ड ने ये बात अस्पताल प्रशासन को बताई और रुपये उन्हें सौंप दिये। अस्पताल के डाक्टरों ने महिला की इस ईमानदारी की जमकर तारीफ की। महिला का कहना है कि वह बस यही चाहती हैं कि यह रूपये जिस किसी के भी गिरे हैं उस तक वापस पहुंच जाएं।
पुलिस चौकी में हुए जमा
अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डा. अरविंद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने ये रूपये अस्पताल में मौजूद पुलिस चौकी में जमा करवा दिये हैं। ताकि जिसके रूपये गिरे हैं उस तक पहुंच जाएं। गुप्ता ने कहा कि आज संतोष देवी जैसे ईमानदार लोगों को बहुत जरूरत है।
अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डा. अरविंद गुप्ता ने बताया कि उन्होंने ये रूपये अस्पताल में मौजूद पुलिस चौकी में जमा करवा दिये हैं। ताकि जिसके रूपये गिरे हैं उस तक पहुंच जाएं। गुप्ता ने कहा कि आज संतोष देवी जैसे ईमानदार लोगों को बहुत जरूरत है।