धारीवाल ने जवाब में हनी ट्रेप प्रकरणों का पूरा ब्यौरा दिया। मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2018 से जनवरी, 2020 तक प्रदेश में हनीट्रैप के 30 प्रकरण सामने आए, जिसमें 21 में चालान पेश किया गया है। जबकि एक में एफआर लगा दी गई है। इन मामलों में कुल 95 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
धारीवाल ने बताया कि जयपुर कमिश्नरेट में हनी ट्रेप के कुल 9 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 7 प्रकरणों में अनुसंधान पूरे कर लिए गए, एक प्रकरण में एफआर लगा दी गई और 2 प्रकरणों में अनुसंधान जारी है।
वहीं सदन में अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र की क्षतिग्रस्त सड़कों का मामला उठा। सरकार से इन क्षतिग्रस्त सडकों के नवीनीकरण की कार्य योजना के बारे में सवाल पूछा गया। सवाल का जवाब उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिया।
पायलट ने जवाब में बताया कि अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 15 प्रतिशत सड़के क्षतिग्रस्त हैं। यहां अभी आरओबी का निर्माण कार्य चल रहा है। लिहाज़ा जल्द ही अनूपगढ़ की क्षतिग्रस्त सड़कें ठीक हो जाएंगी। पायलट ने बताया कि बड़े ट्रक-ट्रॉलों की वजह से सड़क क्षतिग्रस्त हुई हैं। जल्द ही इन्हें दुरुस्त करवा दिया जाएगा। वहीं आने वाले समय में अन्य सड़कों की भी दुरुस्त करवाया जाएगा।
सिल्ट निकालने की कार्ययोजना का लगा सवाल
इंदिरा गांधी नहर की अनूपगढ़ शाखा से सिल्ट निकालने की कार्ययोजना का प्रश्न भी पूछा गया। विधायक गोविंद राम मेघवाल के प्रश्न पर मंत्री बीड़ी कल्ला ने जवाब दिया। दरअसल, यह प्रश्न बुधवार को सदन में रखा गया था, लेकिन इसे स्थगित किया गया था।
प्रश्न पर आज मंत्री कल्ला ने जवाब देते हुए बताया कि अनूपगढ़ शाखा में कोई सिल्ट जमा नहीं होती है। यहां मेटीरियल को उच्च गुणवत्ता की जांच के बाद ही उपयोग में लिया जाता है। फिर भी सीनियर इंजीनियर से समस्या का समाधान निकलवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेड़ों को हटाने के लिए वन मंत्री को पत्र लिखा जाएगा।
डॉक्टर राजकुमार शर्मा के प्रश्न पर मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि 91.80 करोड़ कार्यादेश दिया गया था, जिसमें से 38.62 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। कार्य पूर्ण होने की संभावित तारीख 31 मार्च है।
धारीवाल ने बताया कि फर्म ने धीमी गति से कार्य किया है। उस फर्म पर 78 लाख की अंतरिम शास्ति लगाई जा चुकी है। एक करोड़ 87 लाख की राशि रोकी गई है। इसपर राजकुमार शर्मा ने कहा कि कार्य संपन्न 5 बार अवधि बढ़ाई जा चुकी है। उन्होंने कार्य में हो रही देरी पर जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई किये जाने की मांग की।