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राजस्थान विधानसभा में उठा HONEY TRAP का मुद्दा, सरकार ने गिनाएं ‘आंकड़े’

locationजयपुरPublished: Mar 05, 2020 01:53:27 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

राजस्थान विधानसभा ( Rajasthan Assembly ) में गुरुवार को प्रश्न काल के दौरान हनी ट्रैप ( Honery Trap ) मामला उठा। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ( Kalicharan Saraf ) ने सरकार से जानकारी हासिल करनी चाही कि प्रदेश में हनी ट्रेप के अब तक कितने प्रकरण दर्ज हो चुके हैं और उनकी स्थिति क्या है? सवाल गृह महकमें ( Home Department, Rajasthan ) से जुड़ा था, जिसका ज़िम्मा बतौर मंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) के पास है।

जयपुर।

राजस्थान विधानसभा ( Rajasthan Assembly ) में गुरुवार को प्रश्न काल के दौरान हनी ट्रैप ( Honery Trap ) मामला उठा। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ( Kalicharan Saraf ) ने सरकार से जानकारी हासिल करनी चाही कि प्रदेश में हनी ट्रेप के अब तक कितने प्रकरण दर्ज हो चुके हैं और उनकी स्थिति क्या है? सवाल गृह महकमें ( Home Department, Rajasthan ) से जुड़ा था, जिसका ज़िम्मा बतौर मंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) के पास है। लेकिन सरकार की ओर से जवाब पूर्व गृह मंत्री व मौजूदा स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ( Shanti Kumar Dhariwal ) ने दिया।

धारीवाल ने जवाब में हनी ट्रेप प्रकरणों का पूरा ब्यौरा दिया। मंत्री ने कहा कि दिसंबर, 2018 से जनवरी, 2020 तक प्रदेश में हनीट्रैप के 30 प्रकरण सामने आए, जिसमें 21 में चालान पेश किया गया है। जबकि एक में एफआर लगा दी गई है। इन मामलों में कुल 95 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
इसी तरह जयपुर, जोधपुर और अजमेर संभाग में वर्ष 2019 से 31 जनवरी 2020 तक कुल 17 प्रकरण दर्ज हुए, जिसमें 9 में चार्जशीट पेश की जा चुकी है। सात प्रकरणों में अनुसंधान जारी और एक प्रकरण में एफआर लग चुकी है। अब तक 27 लोग इन मामलों में गिरफ्तार हुए हैं। प्रकरण को लेकर जब विधायक कालीचरण सराफ बोलने लगे तो विधानसभाध्यक्ष ने साफ कर दिया कि मंत्री ने जवाब दे दिया है।

धारीवाल ने बताया कि जयपुर कमिश्नरेट में हनी ट्रेप के कुल 9 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 7 प्रकरणों में अनुसंधान पूरे कर लिए गए, एक प्रकरण में एफआर लगा दी गई और 2 प्रकरणों में अनुसंधान जारी है।
क्षतिग्रस्त सड़कों का उठा मामला
वहीं सदन में अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र की क्षतिग्रस्त सड़कों का मामला उठा। सरकार से इन क्षतिग्रस्त सडकों के नवीनीकरण की कार्य योजना के बारे में सवाल पूछा गया। सवाल का जवाब उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिया।

पायलट ने जवाब में बताया कि अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 15 प्रतिशत सड़के क्षतिग्रस्त हैं। यहां अभी आरओबी का निर्माण कार्य चल रहा है। लिहाज़ा जल्द ही अनूपगढ़ की क्षतिग्रस्त सड़कें ठीक हो जाएंगी। पायलट ने बताया कि बड़े ट्रक-ट्रॉलों की वजह से सड़क क्षतिग्रस्त हुई हैं। जल्द ही इन्हें दुरुस्त करवा दिया जाएगा। वहीं आने वाले समय में अन्य सड़कों की भी दुरुस्त करवाया जाएगा।
पेयजल पाइपलाइन शिफ्ट करने का मामला

रावतसर में मेगा हाईवे के बीच पेयजल पाइप लाइन दूसरी जगह स्थापित करने का मामला भी सदन में उठा। सवाल का जवाब पीएचईडी मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने दिया। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को 82.59 लाख की कार्य की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। तीन महीनों में काम पूरा हो जाएगा।

सिल्ट निकालने की कार्ययोजना का लगा सवाल
इंदिरा गांधी नहर की अनूपगढ़ शाखा से सिल्ट निकालने की कार्ययोजना का प्रश्न भी पूछा गया। विधायक गोविंद राम मेघवाल के प्रश्न पर मंत्री बीड़ी कल्ला ने जवाब दिया। दरअसल, यह प्रश्न बुधवार को सदन में रखा गया था, लेकिन इसे स्थगित किया गया था।

प्रश्न पर आज मंत्री कल्ला ने जवाब देते हुए बताया कि अनूपगढ़ शाखा में कोई सिल्ट जमा नहीं होती है। यहां मेटीरियल को उच्च गुणवत्ता की जांच के बाद ही उपयोग में लिया जाता है। फिर भी सीनियर इंजीनियर से समस्या का समाधान निकलवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेड़ों को हटाने के लिए वन मंत्री को पत्र लिखा जाएगा।
नवलगढ़ कस्बे में सीवरेज परियोजना कार्य का प्रश्न
डॉक्टर राजकुमार शर्मा के प्रश्न पर मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि 91.80 करोड़ कार्यादेश दिया गया था, जिसमें से 38.62 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। कार्य पूर्ण होने की संभावित तारीख 31 मार्च है।

धारीवाल ने बताया कि फर्म ने धीमी गति से कार्य किया है। उस फर्म पर 78 लाख की अंतरिम शास्ति लगाई जा चुकी है। एक करोड़ 87 लाख की राशि रोकी गई है। इसपर राजकुमार शर्मा ने कहा कि कार्य संपन्न 5 बार अवधि बढ़ाई जा चुकी है। उन्होंने कार्य में हो रही देरी पर जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई किये जाने की मांग की।

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