मुख्यमंत्री का मानना है कि इस निर्णय से महिलाओं के असाधारण साहस को सम्मान मिलेगा। साथ ही, आमजन विपरीत परिस्थितियों में पुलिस को सहयोग करने का जज्बा जुटा पाएंगे। नियुक्ति के लिए उसे राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के नियम 17 (2) (ए) के तहत आयु, शैक्षणिक योग्यता, शारीरिक दक्षता, मेडिकल फिटनेस एवं चरित्र सत्यापन की अर्हता को पूरा करना होगा।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च को चार पुलिसकर्मियों का चालानी दल उम्रकैद की सजा भुगत रहे अपराधी धर्मेन्द्र उर्फ लुक्का को धौलपुर में पेशी के बाद रोडवेज बस से भरतपुर की सेवर जेल में ले जा रहा था। रास्ते में पांच हथियारबंद बदमाश बस रुकवाकर उसमें सवार हो गए और चालानी गार्डों की आंखों में मिर्च पाउडर फेंक कर उनके हथियार छीनने लगे। इसी दौरान बस में सवार धौलपुर की शिवनगर कॉलोनी निवासी 25 वर्षीय वसुंधरा व एक अन्य आरएसी जवान कमर सिंह जान की परवाह किए बगैर अपराधियों से भिड़ गए। वसुंधरा बदमाशों से गुत्थमगुत्था हो गई और कमर सिंह पर हमला कर रहे दो बदमाशों को उनके हथियारों सहित नीचे गिरा दिया। दोनों का साहस देख बस में सवार अन्य यात्री तथा चालानी गार्ड भी बदमाशों से आमने-सामने हो गए। इससे बदमाश भाग खड़े हुए।
राज्य सरकार बहादुरी के लिए आरएसी कांस्टेबल कमर सिंह को हैड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति तथा वसुंधरा को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित कर चुकी है। वसुंधरा ने एनसीसी निदेशालय से ‘सी’ सर्टिफिकेट पहले ही प्राप्त किया हुआ है और वह क्रिमिनोलॉजी विषय सहित समाज विज्ञान में एमए उत्तीर्ण है। गौरतलब है कि पुलिस अधीनस्थ सेवा नियमों में उप निरीक्षक की सीधी भर्ती के लिए एनसीसी के ‘सी सर्टिफिकेट धारक तथा क्रिमिनोलॉजी में डिग्री प्राप्त अभ्यर्थी को साक्षात्कार में प्राथमिकता देने का प्रावधान है।