scriptसदन में झूठ बोला तो माननीयों को झेलनी होगी ‘बूमरेंग’ की चोट | Honorable people will have to suffer 'boomerang' if they lie in the ho | Patrika News

सदन में झूठ बोला तो माननीयों को झेलनी होगी ‘बूमरेंग’ की चोट

locationजयपुरPublished: Nov 28, 2019 09:09:41 pm

Submitted by:

Prakash Kumawat

अब सदन में जो भी बोलेगा, केवल सत्य बोलगा। जो असत्य बोलेगा उसे चोट जरूर लगेगी। खास बात यह है कि यह चोट बिना मारपीट के लगेगी, ऐसी लगेगी की कई दिनों और सालों तक उसकी टीस सालती रहेगी। यह चोट लगेगी बूमरेंग से। राजस्थान विधानसभा Rajasthan assembly परिसर में आज इस बूमरेंग की चर्चा होती रही। सियासी गलियारों से होती हुई यह चर्चा शाम होते होते आम जनता के बीच पहुंच गई। आखिर क्या है यह बूमरेंग। उससे कैसे लगेगी माननीयों को चोट।

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सदन में झूठ बोला तो माननीयों को झेलनी होगी ‘बूमरेंग’ की चोट

जयपुर
अब सदन में जो भी बोलेगा, केवल सत्य बोलगा। जो असत्य बोलेगा उसे चोट जरूर लगेगी। खास बात यह है कि यह चोट बिना मारपीट के लगेगी, ऐसी लगेगी की कई दिनों और सालों तक उसकी टीस सालती रहेगी। यह चोट लगेगी “बूमरेंग” से। राजस्थान विधानसभा परिसर में आज इस बूमरेंग की चर्चा होती रही। सियासी गलियारों से होती हुई यह चर्चा शाम होते होते आम जनता के बीच पहुंच गई। आखिर क्या है यह बूमरेंग। उससे कैसे लगेगी माननीयों को चोट।
राजस्थान विधानसभा Rajasthan assembly में गुरुवार को सत्ता पक्ष की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर छींटाकशी के बाद शुरू हुए हंगामे के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं विधायक सतीश पूनिया ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर कहा कि आपके द्वारा जो असत्य बोला गया हैं, उसके लिए एक शब्द “बूमरेंग” हैं। यह ऐसा है जो बॉल की तरह घूम कर वापस आपके पास आएगी और ऐसी ही चोट करेगी।
विधानसभा में आरएसएस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों की ओर से की गई टिप्पणी पर पूनिया ने कहा कि ये सदन, ये मंच और आज का दिन न तो राष्ट्रीय संघ सेवक संघ Rashtriya Swayamsevak Sanghपर छींटाकशी का था और न ही प्रधानमंत्री मोदी पर छींटाकशी का। जिस संगठन पर आपने प्रतिबंध लगाया, अदालत ने उसे पाक साफ किया। उन्होंने आरएसएस का नाम लिए बगैर कहा कि यह संगठन भारत की संस्कृति के लिए, एकता के लिए, समरसता के लिए कार्य करता है। उन्होंने आपातकाल जिक्र करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को जब हिन्दुस्तान के लोकतंत्र पर पहरा बैठा दिया गया था और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के मुंह पर ताला लगा दिया गया था, उसका जिक्र क्यों नहीं किया जा रहा है? शाहबानो केस व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्रिपल तलाक खत्म कर मुस्लिम समाज की बहनों को न्याय दिलवाया व धारा 370 को खत्म किया गया, यह सब संविधान के अंतर्गत ही किया गया। सदन में इन सबका जिक्र क्यों नहीं किया जा रहा है?
उन्होंने सत्ता पक्ष को घेरते हुए आरोप लगाया कि 55 सालों तक लोकतंत्र ने आपको अधिकार दिया था, आपने क्यों नहीं किया? जबकि ये सारे मुद्दे और मसले जिनका समाधान लोकतंत्र के माध्यम से हो सकता था फिर भी आपने नहीं किया। आपने तो इस देश को जाति-पंथ के आधार पर बांटने की साजिश की, जिसको राजस्थान एवं हिन्दुस्तान की जनता अच्छी तरह से समझ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जो फिरका परस्ती और भ्रम की बात आप करते आये हैं उन बातों से ना तो इस देश का संविधान बदला जायेगा और ना ही इस देश के आरक्षण के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ की जायेगी, इस भ्रम को फैलाने की कतई आवश्यकता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश के नागरिकों को संविधान के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता हैं। चाहे उसके लिए प्रदर्शनी, पाठ्यक्रम, संवाद, जागृति या कोई अन्य माध्यम उपयोग में लिए जाएं।
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