पूनियां ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सीएम पर्यावरण प्रेमी है। वो कभी घोड़े और कभी बकरे की बात करते हैं। उनसे कोई पूछे कि राजस्थान के विधायक बकरा मंडी कैसे हो सकते हैं ? इसका जवाब उनको देना चाहिए। वो घोड़े और बकरे की बात करते-करते हाथी का अस्तित्व ही खत्म कर देते हैं। उन्होंने लोकतत्र की हत्या की बात कही। लेकिन अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग 93 बार उन्हीं की सरकार ने किया। भैरोसिंह शेखावत की सरकार को अस्थिर करने का काम किया था, जब भजन लाल की अटैची कांड बड़ा मशहूर हुआ था। पूनियां ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते करते सीएम ये बता दें कि 2008 में उन्होंने बहुमत कैसे जुटाया और 2018 में कैसे जुटाया।
सिर्फ मोदी और अमित शाह पर आरोप लगाते है पूनियां ने कहा कि सीएम ने अपनी बातों में कोरोना का जिक्र किया कि सरकार कोरोना के सही तरीके से प्रबंधन की कोशिश कर रही हैं। जबकि असलियत में कोरोना प्रबंधनम में फेल होने के लिए सिर्फ और सिर्फ पीएम-भाजपा पर आरोप लगाने के अलावा कोई काम उन्होंने नहीं किया। उन्होंने कहा कि जोधपुर हॉस्पाट बना हुआ है। उनका अपना निर्वाचन क्षेत्र है। कम से कम जाकर सुध तो लेते।
गद्दार कौन हैं ये तो बता दें पूनियां ने कहा कि सीएम ने एक बात और कही कि लोग पार्टियों के कारण एमएलए बन जाते हैं। एमपी बन जाते हैं बड़े पदों से नावाजे जाते हैं, लेकिन गद्दारी को राजस्थान की जनता माफ नहीं करेगी। गद्दार कौन हैं ये तो बता दें। पूनियां ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान होटल में किन—किन से क्या बात हुई स्पष्ट कर दें। हम मान लेंगे राजस्थान के गांधी है।
एसओजी अधिकारी को क्यों बदला ? पूनियां ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव चले गए। लंबे समय तक एस्टेबलिश नहीं कर पाए। एसओजी के बड़े अधिकारियों को बदलने का कारण क्या था। ये स्वीकार कर लिया कि उन्होंने नेताओं के फोन टेप किए, ये स्वतंत्रता का हनन नहीं था। एजेंसियों का दुरुपयोग किसी बेचारे गरीब गुर्गे के फोन को ट्रैप करके ये स्थापित करने की कोशिश करेंगे।
राजनीतिक शुचिता को खत्म कर दिया पूनियां ने कहा कि गहलोत हमेशा पीएम और गृहमत्री पर आरोप लगाते हैं। जिस तरह सहकारी संघवाद की परंपरा का हिस्सा है। क्या उनकी मानहानि नहीं, क्या यह विशेषाधिकार में नहीं आता। इस तरीके की बात करके उन्होंने राजस्थान की राजनीति की शुचिता को खत्म करने की कोशिश की है।
मुंगेरी लाल के हसीन सपने पूनियां ने कहा कि सीएम बोले कि 2023 में सरकार बनाएंगे, उसकी तैयारी शुरू कर दी है। एक सीरियल आता था मुंगेरी लाल के हसीन सपने। यह कुछ ऐसा ही है। लेकिन जिस तरीके से आज उन्होंने बात कही सारी हदें पार कर दी। विधायकों को पहले घोड़ा बताया था अब बकरा बताया। राहुल से मार्गदर्शन ले लें क्या बताना है। मुझे लगता है या तो संगत का असर हो गया होगा। उन्हें देश का नेता बनने की जल्दी है।
मैं राजनीति छोड़ दूंगा नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सीएम बहुत निचले स्तर पर उतर आए हैं। कांग्रेस के आपस में जो तकलीफ है, उसे दूसरे पर थोपने का प्रयास मत करो। कटारिया ने कहा कि मेरे राजनीतिक जीवन में एक भी काला दाग ना तो लगा है और ना कोई लगा सकता है। अगर मुख्यमंत्री ये साबित कर देंगे तो मैं राजनीतिक छोड़ दूंगा, अन्यथा सीएम राजनीति छोड़ दें।
किसी सीएम ने ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रेस वार्ता में सीएम ने जिन हल्के शब्दों का इस्तेमाल किया। मैं लबे राजनीतिक जीवन में किसी भी सीएम को इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करते नहीं देखा। उन्होंने यह कह दिया कि मैं कोरोना जैसी बीमारी से इसलिए नहीं लड़ पा रहा हूं क्योंकि मुझे सरकार बचाने में अपना समय देना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान विधानसभा और विधनसभा के बाहर आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रिमंडल सदस्यों ने सीएम से नाइत्तेफाकी जाहिर की है। तीन दर्जन से ज्यादा विधायकों ने विधानसभा के पटल पर नाराजगी जाहिर की है। ये भयाक्रांत इसलिए हैं क्योंकि कांग्रेस रूपी जहाज में बहुत बड़ा सुराख हो गया है।
दो खेमों में बंटी है सरकार राठौड़ ने कहा कि आज सर्वविदित है हर गांव—ढाणी में लोग बात करते हैं राजस्थान की सरकार दे खेमों में बंटी सरकार हैं लोग कहते हैं कि पता नहीं ये सरकार कब गिर जाएं। आज हमारे प्रतिपक्ष के विधायक हैं सत्तारूढ़ दल के सदस्य हैं उनकी फोन टेपिंग की जा रही है। इस घटनाक्रम के जिम्मेदार, किरदार और सूत्रधार राजय के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं।