वीसी में निकलकर आए प्रमुख मुद्दे – लोन का ब्याज माफ किए जाए।
– क्वारंटीन के लिए गए होटलों को तर्कसंगत रेट दी जाए।
– डोमेस्टिक पर्यटकों को एलटीए की सुविधा दी जाए।
– टैक्सेस कम कर सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
– कर्मचारियों सैलेेरी देने की बाध्यता ना हो।
– लॉकडाउन के समय इएसआइसी के माध्यम से 70 फीसदी सैलेरी दी जाए।
– बिजली के फिक्स चार्ज हटाया जाएं।
– इंडस्ट्री का दर्जा मिला।
– राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम का पैसा जल्द दिया जाए।
– फायर एनओसी, फूड, पोल्यूशन, बार लाइसेंस, ऑपरेशन्स में रियायत दी जाए।
– होटलों का लाइसेंस एक्सटेंशन फ्री किया जाए।
– क्वारंटीन के लिए गए होटलों को तर्कसंगत रेट दी जाए।
– डोमेस्टिक पर्यटकों को एलटीए की सुविधा दी जाए।
– टैक्सेस कम कर सुविधाएं बढ़ाई जाएं।
– कर्मचारियों सैलेेरी देने की बाध्यता ना हो।
– लॉकडाउन के समय इएसआइसी के माध्यम से 70 फीसदी सैलेरी दी जाए।
– बिजली के फिक्स चार्ज हटाया जाएं।
– इंडस्ट्री का दर्जा मिला।
– राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम का पैसा जल्द दिया जाए।
– फायर एनओसी, फूड, पोल्यूशन, बार लाइसेंस, ऑपरेशन्स में रियायत दी जाए।
– होटलों का लाइसेंस एक्सटेंशन फ्री किया जाए।
अब वेंटिलेटर की जरूरत इस समय होटल व रेस्टोरेंट उद्योग आईसीयू में हैं, ऐसे में इसको सरकार की मदद के वेंटिलेटर की जरूरत हैं। राज्य के जीडीपी में 15 से 20 फीसदी का योगदान देने वाले इस उद्योग को अगर वाकई इस समय सरकार की कुछ रियायतें, मदद और छूट मिल जाती हैं तो आने वाले कुछ महीनों पर यह व्यवसाय फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा। ऐसी कई समस्याओं, परेशानियों को लेकर पत्रिका की ओर एक वीडियो कॉन्फ्र्रेंसिंग आयोजित की गई। जिसमें जयपुर और प्रदेश के नामी होटल व रेस्टोरेंट व्यवसायियों ने अपनी बात पत्रिका के साथ साझा की। इस कार्यक्रम को कवर किया पत्रिका के विशेष संवाददाता शैलेंद्र शर्मा ने।