scripthousands of wounds on the wall of parkota Jaipur Heritage | परकोटा की दीवार पर हजारों जख्म, फिर भी मरहम नहीं लगा पाएगा निगम | Patrika News

परकोटा की दीवार पर हजारों जख्म, फिर भी मरहम नहीं लगा पाएगा निगम

locationजयपुरPublished: Dec 02, 2022 06:58:56 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

जयपुर। परकोटा की दीवार में हजारों जख्म हैं। मगर इन सभी जख्मों पर नगर निगम हैरिटेज मरहम नहीं लगा पाएगा। 13 किमी लंबी इस दीवार के केवल 6 किमी हिस्से का ही नगर निगम जीर्णोद्धार कार्य करवा रहा है। जिस हिस्से में काम हो रहा है वहां 20 से ज्यादा जगहों पर दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस्त है।

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जयपुर। परकोटा की दीवार में हजारों जख्म हैं। मगर इन सभी जख्मों पर नगर निगम हैरिटेज मरहम नहीं लगा पाएगा। 13 किमी लंबी इस दीवार के केवल 6 किमी हिस्से का ही नगर निगम जीर्णोद्धार कार्य करवा रहा है। जिस हिस्से में काम हो रहा है वहां 20 से ज्यादा जगहों पर दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। बताया जा रहा है दीवार का आधे से ज्यादा हिस्सा अतिक्रमणों की भेंट चढ़ा हुआ है। इस वजह से नगर निगम ने उस हिस्से को छोड़ दिया है, जहां अतिक्रमण हैं। 13 किमी से ज्यादा लंबी और 20 फुट से ज्यादा उंची इस दीवार पर निगम की ओर से कराए गए सर्वे में एक हजार से ज्यादा गंभीर प्रकृति के निर्माण और ढाई हजार से ज्यादा अतिक्रमण सामने आए हैं। निगम ने उस हिस्सा पर काम शुरू कर दिया है, जहां दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस्त है। करीब 18 करोड़ रुपए खर्च करके ढाई साल में जीर्णोद्धार का काम पूरा किया जाएगा।

यहां परकोटा की दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस्त

नगर निगम हैरिटेज परकोटा के जिस क्षेत्र में जीर्णोद्धार का काम करवा रहा है, उस 6 किमी एरिया में करीब 20 स्थानों पर दीवार पूरी तरह क्षतिग्रस है। इसमें सीकर हाउस, पुरानी बस्ती, दरबार स्कूल, जोरावर सिंह गेट, गंगापोल, नाहरी का नाका का क्षेत्र शामिल है। परकोटा का इलाका किशनपोल, हवामहल और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में आता है।


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विश्व धरोहर सूची में शामिल है जयपुर

2019 में यूनेस्को ने जयपुर को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था। इसके बाद यूनेस्को की टीम इस साल अप्रेल में जयपुर शहर का दौरा किया था। यहां अवैध निर्माण और अतिक्रमणों की वजह से हैरिटेज के बिगड़ते स्वरूप को लेकर सवाल उठाए थे। यह टीम करीब 9 दिन जयपुर शहर में रुकी थी। इसके बाद ही विश्व धरोहर सूची का तमगा ना हट जाए, इस वजह से यह काम करवाया जा रहा है। संभावना यह भी जताई जा रही है कि यूनेस्को की टीम दोबारा शहर का दौरा करने आ सकती है।
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